आप भी सिर्फ TAX बचाने के लिए तो नहीं कर रहे निवेश? समझ लीजिए इसके नुकसान
Updated on
19-06-2023 08:03 PM
नई दिल्ली: हम सब अपनी कमाई का कुछ ना कुछ हिस्सा बचाकर निवेश (Investment) करते हैं। ये निवेश अलग-अलग हो सकते हैं। एफडी में, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में, इंश्योरेंस (Insurance) , इक्विटी जैसे कई ऐसे प्लान हैं. जहां लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा निवेश करते हैं। कुछ लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं तो कुछ लोग बचत ( saving) के लिए करते हैं। अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जो सिर्फ टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं तो जरा इसके नुकसान को भी जान लीजिए। टैक्स बचाने वाले निवेश या स्कीम कुछ शर्तों के साथ आते हैं। हम आपको टैक्स सेविंग स्कीम की उन कमजोरियों के बारे में बता रहे हैं, जिसे जानना जरूरी है। टैक्स सेविंग फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा जरूर है, लेकिन किसी भी निवेश का पहला मकसद फाइनेंशियल गोल यानी लक्ष्य को हासिल करना होना चाहिए। सिर्फ टैक्स सेविंग के लिए किए गए निवेश से फाइनेंशियल टारगेट को हासिल करने में आपको दिक्कत होगी।
निवेश से पहले समझे क्या है प्लान
आप कहीं भी निवेश करें, उससे पहले इस बात को समझे कि आखिर निवेश क्यों कर रहे हैं। निवेश का मकसद क्या है? टैक्स बचाना, बचत के पैसों को बढ़ाना और किसी भी मुश्किल में आर्थिक सुरक्षा देने के लिए मिलने वाले इंश्योरेंस कवर के अलग-अलग लक्ष्य हैं। यानी अलग-अलग टारगेट के लिए अलग-अलग निवेश करना चाहिए।
शर्तों के साथ टैक्स सेविंग इंस्टूमेंट
टैक्स बचाने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है। लेकिन सिर्फ टैक्स बचाने के लिए निवेश आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। सिर्फ टैक्स सेविंग स्कीम पर फोकस कर भले ही आप टैक्स बचा लें, लेकिन अपने फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे। इसके नुकसान की बात करें तो टैक्स सेविंग की तीन कमजोरियां आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर आप सिर्फ टैक्स सेविंग के मकसद से किसी इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं तो आपके द्वारा निवेश के लिए चुना गया इंस्ट्रूमेंट या स्कीम कई शर्तों और लॉक-इन पीरियड के साथ आता है। इनवेंस्टमेंट साइज, लॉक-इन पीरियड, निश्चित रिटर्न जैसी कई शर्तें इसके साथ जुड़ी रहती हैं। टैक्स सेविंग स्कीम लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं। आप लॉक इन पीरियड से पहले उस निवेश को भुना नहीं सकते हैं। टैक्स सेविंग स्कीम में आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं। अगर आपको सालाना 1.5 लाख से अधिक का निवेश करना है तो आपके पास टैक्स सेविंग के अधिक विकल्प नहीं है। टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश करने पर मामूली रिटर्न मिलता है। वहीं टैक्स सेविंग स्कीम्स के निवेशकों को बाजार की मजबूती का बहुत लाभ नहीं मिलता है।
टैक्स सेविंग स्कीम
टैक्स सेविंग के बहुत से विकल्प हैं। पॉपुलर टैक्स सेविंग स्कीम की बात करें को इसमें पब्लिक प्रॉविडेंड फंड (PPF),नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) और क्स सेविंग FD स्कीम है। अगर आप टैक्स बचाने के लिए स्कीम ले रहे हैं आपको टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेट्स के साथ-साथ सेविंग या म्यूचुअल फंड, डेट फंड, शेयर, गोल्ड बॉन्ड , एफडी, लिक्विंड फंड में निवेश कर सकते हैं।
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