अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड और मल्लिकार्जुन खरगे की टीम
Updated on
22-08-2023 02:21 PM
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव अब एक प्रकार से सिर पर आ गये हैं, ऐसे में जहां एक ओर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी गरीब कल्याण योजना का आगाज करते हुए भाजपा सरकार के चार कार्यकालों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए जहां उपलब्धियों का दिल खोल कर बखान किया तो वहीं जवाब मांगने में देरी न करते हुए कांग्रेस से पूरे 53 साल का हिसाब मांग डाला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि असली रिपोर्ट कार्ड तो 200 से अधिक घोटालों को लेकर बनना था। उनका कहना था कि यह रिपोर्ट कार्ड नहीं झूठ कार्ड है, असली रिपोर्ट कार्ड तो व्यापम घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला, महाकाल लोक घोटाला आदि से मिलकर बना है।
विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर बढ़-चढ़ कर आरोप लगा रहे हैं और अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जो अपनी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है उसका उद्देश्य राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना है। मध्यप्रदेश से तीन नेताओं को कार्यकारिणी में रखा गया है उनमें दिग्विजय सिंह, मीनाक्षी नटराजन के साथ कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कमलेश्वर पटेल को महामंत्री बनाया गया है। राजस्थान से सचिन पायलट को जगह मिली है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ मंत्री ताम्रध्वज साहू और राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम को भी जगह मिली है, इस प्रकार अगड़े-पिछड़े व महिलाओं को स्थान मिला है।
कांग्रेस पर परिवारवाद के बार-बार आरोप लगते रहे हैं और भाजपा पर भी परिवारवादी होने के आरोप कुछ समय से लगाये जा रहे हैं। इस पर अमित शाह ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि परिवारवाद का आशय मिल्कियत से है यानी सरकार और पार्टी में यदि एक ही परिवार के सदस्यों का दबदबा बना रहे तो वह परिवारवाद कहा जाता है। इस प्रकार उन्होंने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि विपक्षी गठबंधन में शामिल सभी दलों में परिवारवाद पूरी तरह से हावी रहता है। ऐसा परिवारवाद देश व लोकतंत्र के लिए जहर है। लेकिन कहीं किसी के परिवारजन को योग्यता के आधार पर टिकट दिया गया तो इसे परिवारवाद नहीं कह सकते। विपक्षी नेताओं के विरुद्ध चल रही जांच के सवाल पर उनका कहना था कि मैंने कभी राजनीति के आधार पर कार्रवाई नहीं की है, एजेंसियां जांच कर रही हैं, जांच में समय लगता है।
जहां मीडिया के सामने अमित शाह ने विपक्ष की घेराबंदी की तो वहीं ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने में भी कोई कोर-कसर उन्होंने बाकी नहीं रखी और कहा कि मैं गारंटी से कहता हूं कि भाजपा का विजय अभियान अभी समाप्त नहीं हुआ है और जिस दिन पूरी दुनिया भारत माता के जयकारे लगायेगी उस दिन यह लक्ष्य पूरा होगा। आने वाला चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है और भाजपा के कार्यकर्ता मध्यप्रदेश में चुनाव जीतने के लिए बने हैं, विजय आपका स्वभाव है, आपका पराक्रम है और विजय ही आपका लक्ष्य है, सबको सामूहिक प्रयास कर 150 सीटें जीत कर कांग्रेस को परास्त करना है। मैं यह बात भी गारंटी से कहता हूं कि 30 साल तक मध्यप्रदेश में पंचायत से पार्लियामेंट तक भाजपा का भगवा लहरायेगा। यह चुनाव नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाकर करोड़ों गरीबों के जीवन में जनसंघ के दीप के उजियारे को प्रदीप्त करने का चुनाव है। उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही जीते थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया तक चुनाव हार गये थे, इसलिए इस बार छिंदवाड़ा को भी जीतने के संकल्प के साथ मध्यप्रदेश में चुनाव मैदान में उतरेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने जो अपनी नई टीम बनाई है उसमें भी सामाजिक समीकरणों का यहां विशेष ध्यान रखा है। खरगे की टीम को देखा जाए तो उन्होंने भारी-भरकम 84 सदस्यीय टीम का गठन किया है जिसमें केवल 3 चेहरे 50 साल से कम उम्र के हैं। उनकी टीम में 15 महिलायें हैं। इसमें संतुष्टों-असंतुष्टों, जी-23 के नाम से मशहूर लोगों को भी जगह मिल गयी है जिसमें प्रमुख नाम सचिन पायलट, शशि थरुर और आनंद शर्मा का है। राजस्थान के सत्ता संघर्ष में अशोक गहलोत के हाथों बुरी तरह चोट खाये सचिन पायलट को जगह देकर उनका भी राजनीतिक कद बढ़ाया गया है और चुनावी साल में सबको साथ लेकर चलने की बानगी पेश की है।
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