अमेरिका के ओहयो राज्य में एक अश्वेत शख्स की मौत के बाद वहां की पुलिस की कड़ी आलोचना की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओहायो के कैंटन पुलिस डिपार्टमेंट ने एक बार पर कार्रवाई की। इस दौरान एक शख्स की गर्दन को पैरों से जकड़ा और उसे हथकड़ियां लगाईं। कुछ देर में उसकी मौत हो गई।
उसकी पहचान 53 साल के फ्रैंक टायसन के तौर पर हुई। गिरफ्तारी के दौरान वह बार-बार कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है। हालांकि, पुलिस ने उसकी बात पर गौर नहीं किया। पुलिस वाला उसे कहता रहा कि तुम्हें कुछ नहीं हुआ है। तुम ठीक हो। हालांकि, टायसन ने पुलिस की कार्रवाई के 16 मिनट में ही दम तोड़ दिया।
ये सारी घटना पुलिसवालों के बॉडीकैम में रिकॉर्ड हो गई, जिसे कैंटन पुलिस ने रिलीज किया है। अमेरिकी न्यूज वेबसाइट अटलांटा ब्लैक स्टार के मुताबिक फ्रैंक 6 मिनट तक फर्श पर बेहोश पड़ा रहा। इस दौरान पुलिस बार में मजाक कर रही थी।
फ्रैंक पर आरोप- उसकी गाड़ी खंभे से टकराई थी
घटना 18 अप्रैल की बताई जा रही है। फ्रैंक टायसन की गाड़ी एक बिजली के खंभे से टकरा गई थी। पुलिस ने उसका पीछा किया तो रास्ते में मौजूद किसी ने जानकारी दी की टायसन पास ही के एक क्लब में मौजूद है। पुलिस जब क्लब पहुंची तो एक महिला ने कहा टायसन को बाहर लेकर जाओ।
पुलिस जैसे ही उसे पकड़ने के लिए आगे बढ़ती है, टायसन उन्हें कहता है, 'शेरिफ को बुलाओ, तुम मुझे मार नहीं सकते।' l तभी पुलिस वाले उसे पकड़ लेते हैं। एक पुलिस वाला टायसन की गर्दन पर पैर रखता है, जबकि दूसरा उसे हथकड़ी लगाता है।
फ्रैंक दम तोड़ रहा था, पुलिसवाला कह रहा था- मुझे हमेशा से बार में लड़ाई करनी थी
बॉडीकैम में टायसन ये कहते हुए सुनाई दे रहा है कि मुझे छोड़ दो। पुलिस उसे जवाब देती है- चुप रहो तुम बिल्कुल ठीक हो। इसके 6 मिनट बाद तक टायसन जमीन पर बेहोश पड़ा रहा। जबकि पुलिस वहां मौजूद लोगों से मजाक करती है। एक पुलिस वाला कहता है, मैं हमेशा से बार में लड़ाई करना चाहता था।'
6 मिनट बाद जब पुलिस वाले टायसन को चेक करते हैं तो उन्हें कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता। कुछ मेडिकल कर्मियों को बुलाया जाता है जो उसे CPR देते हैं। 10 मिनट में मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंचती है। उसे मृत घोषित कर दिया जाता है।
फ्रैंक की मौत ने जॉर्ज फ्लॉयड की याद दिलाई
गर्दन पर घुटना रखकर गिरफ्तार करने की अमेरिकी पुलिस की यह पहली कार्रवाई नहीं है। आलोचनाओं के बावजूद पुलिस अपनी कार्रवाई में इसका इस्तेमाल करती है। 2020 में इस तरह की कार्रवाई करने से जॉर्ज फ्लॉयड नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी।
वाकया 25 मई 2020 की दोपहर का है। मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर की पुलिस के नंबर 911 पर एक कॉल आता है। एक व्यक्ति पुलिस को बताता है कि यहां रहने वाले अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड ने 20 डॉलर के नकली नोट से सिगरेट खरीदी है।
पुलिस ने जो तरीके अपनाए, वो नियमों के खिलाफ थे
घटना के कुछ वीडियोज में वहां मौजूद लोगों ने बनाए तो कुछ सिक्योरिटी सर्विलांस कैमरों में दर्ज हुए। पुलिस ने फ्लॉयड पर जो भी तरीके आजमाए वो विभागीय नियमों का उल्लंघन थे। पुलिस अफसर दम घोंटता रहा, जॉर्ज ही नहीं बाकी लोग भी उसे छोड़ देने की अपील करते रहे थे, लेकिन पुलिस की बर्बरता के आगे किसी की एक न चली। फ्लॉयड की मौत के अगले दिन घटना में शामिल सभी चार पुलिस अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया था। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने कहा था कि जॉर्ज का गला दबाने वाले डेरेक चौवेन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
करीब 9 मिनट तक फ्लॉयड की गर्दन घुटने से दबाई थी
चौवेन के खिलाफ दर्ज केस में साफ कहा गया कि उन्होंने 8 मिनट 46 सेकंड तक जॉर्ज की गर्दन अपने घुटने से दबाए रखी। हैरानी की बात ये है कि चौवेन ने फ्लॉयड की सांस रुकने के बाद भी घुटना नहीं हटाया। वो तब हटे जब मेडिकल टीम वहां पहुंच गई। घटना में तीन और अफसर शामिल थे। इनके नाम हैं- थॉमस लेन, जे. एलेक्जेंडर और टोउ थाओ।
जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार और मिनेपोलिस की सिटी काउंसिल के बीच 2021 में एक समझौता हो गया था। हर्जाने के तौर पर फ्लॉयड के परिवार को 2.7 करोड़ डॉलर (करीब 196 करोड़ रुपए) मिले थे।