साल-1974, जगह- ओक्लाहोमा, दो चोर शराब की दुकान में घुसते हैं। गोलियां चलाते हैं और चोरी करके निकल जाते हैं। गोलीबारी में कैरोलिन सू रोजर्स नाम का शख्स मारा जाता है। हत्या के शक में पुलिस 4 संदिग्धों- ग्लिन सिमंस, डॉन रॉबर्ट्स, लियोनार्ड पैटरसन और डेलबर्ट पैटरसन को पकड़ती है।
एक महिला चश्मदीद (जो गोलीबारी में घायल होती है) की गवाही के बाद ग्लिन सिमंस और डॉन रॉबर्ट्स को हिरासत में लिया जाता है। दोनों पर केस चलता है और ओक्लाहोमा कोर्ट दोनों को फांसी की सजा सुनाती है।
फांसी की सजा पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए 1975 में ग्लिन और रॉबर्ट्स की सजा उम्रकैद में बदल दी जाती है। 2008 में रॉबर्ट्स को पैरोल पर रिहा कर दिया जाता है, लेकिन ग्लिन सिमंस कैद में रहते हैं।
इस पूरे मामले के 48 साल बाद अब ओक्लाहोमा कोर्ट ने ग्लिन सिमंस को बाइज्जत बरी कर दिया है।
ठोस सबूत नहीं इसलिए बरी किया
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक सिमंस को जुलाई 2003 में जेल से रिहा कर दिया गया था। 18 दिसंबर 2003 को कोर्ट ने कहा कि सबूतों की कमी के चलते सिमंस को बरी करने का फैसला लिया गया है।
BBC के मुताबिक कोर्ट ने कहा- जो सबूत पेश किए गए वो किसी व्यक्ति को सजा देने के लिए पर्याप्त नहीं थे। बिना किसी ठोस सबूत के सजा दी गई। जिस महिला की गवाही पर सजा हुई उस महिला के सिर पर चोट आई थी। वो बेहोशी की हालत में पुलिस को मिली थी। इसलिए कोर्ट ने माना है कि जिस अपराध के लिए सिमंस को दोषी ठहराया गया, सजा सुनाई गई और कैद किया गया, वह अपराध सिमंस ने किया ही नहीं।
सरकारी वकीलों ने डिफेंस लॉयर को सभी सबूत नहीं दिए
BBC के मुताबिक सरकारी वकीलों ने सिमंस के वकीलों को कई सबूत नहीं दिए थे। इन सबूतों के जरिए सिमंस की बेगुनाही साबित हो सकती थी। दरअसल, महिला चश्मदीद ने पुलिस लाइन-अप के दौरान सिमंस और रॉबर्ट्स के अलावा गोलीबारी करने वाले कई और संदिग्धों की पहचान की थी। यह जानकारी सिमंस को डिफेंड कर रहे वकीलों से छुपाई गई। पुलिस ने भी सिर्फ सिमंस और रॉबर्ट्स को ही हिरासत में लिया और दोषी मान लिया, जिसके बाद केस शुरू हो गया।
मुआवजा दिया जाएगा
कानून के मुताबिक गलत आरोप में सजा काटने वाले व्यक्ति को मुआवजा दिया जाता है। ओक्लाहोमा में गलत आरोप में सजा काटने वाले लोगों को 1.46 करोड़ रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है। सिमंस के वकीलों का कहना है कि सिमंस जरूरत से ज्यादा समय तक जेल में रह चुके हैं, हम उन्हें पूरा मुआवजा दिलाने की कोशिश करेंगे।