अमेरिका का रहस्यमयी कहा जाने वाला स्पेसक्राफ्ट X-37B आज लॉन्च किया जा सकता है। इस मिशन के पहले यह 6 बार स्पेस में जा चुका है। यह सातवीं लॉन्चिंग होगी।
X-37B को 7 दिसंबर को लॉन्च किया जाना था। इसके बाद चार बार लॉन्चिंग की तारीख सामने आई। हालांकि, हर बार ये टलती रही और अब 28 दिसंबर 2023 को लॉन्चिंग का ऐलान किया गया है।
X-37B की लॉन्चिंग के बारे में तो दुनिया को जानकारी रहती है, लेकिन अमेरिका ने कभी यह साफ नहीं किया कि इस मिशन का मकसद हकीकत में क्या है।
क्यों टलती रही लॉन्चिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर (फ्लोरिडा) से यह लॉन्चिंग पहले 7 दिसंबर को होनी थी। इसके बाद 10, फिर 11 और फिर 12 तारीख तय की गई। हालांकि, चारों मर्तबा मिशन पूरा नहीं हुआ। अब 28 दिसंबर 2023 की तारीख लॉन्चिंग के लिए तय की गई है। हर बार रिपोर्ट्स में लॉन्चिंग टलने की वजह खराब मौसम बताई गई।
इसी महीने चीन ने भी अपना स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था और इसे भी सीक्रेट मिशन कहा गया है। अब एक ही महीने में यह दूसरी स्पेस प्लेन लॉन्चिंग है। चीन ने सिर्फ यह बताया कि उसका टेस्ट एयरक्राफ्ट रीयूजेबल है। यानी इसे एक से ज्यादा बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
चीन पर तंज
‘ताशकंद पर्पज’ वेबसाइट से बातचीत में अमेरिकी स्पेस फोर्स के अफसर जनरल चेंस साल्ट्जमैन ने कहा- पता नहीं क्यों, लेकिन चीन हमारे स्पेस प्लेन को लेकर कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड है। हां, ये बात भी सही है कि हम भी उनके मिशन पर नजर रख रहे थे। जब ये दोनों स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिट में होंगे, तो पूरी दुनिया की नजर इन पर रहना लाजिमी है।
कहा जा रहा है कि अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट लंबी दूरी की फ्लाइट्स से पौधों और उनके बीजों पर पड़ने वाले रेडिएशन के असर की जांच भी करेगा। पहली बार इस लॉन्चिंग के लिए स्पेसX फाल्कन हैवी रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले मिशन में एटलस V रॉकेट यूज हुए थे। एक बार स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट का इस्तेमाल हुआ था।
बहरहाल, अगर 28 दिसंबर को 2023 को लॉन्चिंग होती है और कामयाब भी रहती है, तो बहुत मुमकिन है कि ये 2024 में धरती पर वापसी न करे। एक रिपोर्ट बताती है कि X-37B 2025 के जून महीने में शायद वापसी करे। अमेरिकी स्पेस फोर्स ने इसकी वापसी का साल या तारीख नहीं बताई है। हालांकि, इस तरह के मिशन आमतौर पर तीन साल में पूरे होते हैं।
सीक्रेसी का खास ध्यान
अब तक 6 बार लॉन्च होने के बावजूद इस स्पेसक्राफ्ट का क्या काम है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। पेंटागन ने इसके पेलोड और बाकी जानकारियों को भी सीक्रेट रखता है। इस अंतरिक्ष यान के सभी मिशनों को साथ मिलाकर देखा जाए तो इसने अब तक 209 करोड़ किमी से ज्यादा उड़ान भरी है और अंतरिक्ष में करीब 3,774 दिन यानी 10 साल बिताए हैं।
X-37B स्पेसक्राफ्ट को बोइंग ने बनाया है। इसका इस्तेमाल कई छोटी सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने के लिए भी किया जा चुका है। हालांकि, इन सैटेलाइट्स का मकसद भी एक गुत्थी है।
X-37B ने अब तक 6 मिशन पूरे किए हैं। इन सभी मिशन की समय सीमा पिछले मिशन से ज्यादा रही है। आखिरी OTV-6 मिशन पृथ्वी की कक्षा में 908 दिन बिताने के बाद पिछले साल नवंबर में वापस लौटा था।
X-37B नासा के रिटायर हो चुके स्पेस शटल की तरह दिखता है, लेकिन यह सिर्फ 29 फीट लंबा है। स्पेस शटल 122 फीट लंबा था और इसमें पायलट भी था। X-37B लिथियम-आयन बैटरी के साथ सोलर एनर्जी से काम करता है। 2010 में X-37B का पहला मिशन लगभग 224 दिनों तक चला, जबकि 2011 में इसका दूसरा मिशन 468 दिनों तक चला था।