भारतवंशी विवेक रामास्वामी के बाद अब फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी-सेंटिस रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से हट हो गए हैं। उन्होंने रविवार को चुनाव न लड़ने की घोषणा की। इसके साथ ही डी-सेंटिस ने घोषणा की कि वो चुनाव के लिए ट्रम्प को सपोर्ट करेंगे।
डी-सेंटिस ने कहा- 'मेरे और ट्रम्प के बीच कई मुद्दों जैसे कोरोना और चीफ मेडिकल एड्वाइजर एंथनी फॉसी को लेकर मतभेद रहा है, लेकिन फिर भी वो जो बाइडेन से बेहतर ही हैं। इसलिए मैंने उन्हें सपोर्ट करने का फैसला किया है। मैं निक्की हेली को समर्थन नहीं दे सकता, क्योंकि उसकी विचारधारा पुराने रिपब्लिकन नेताओं जैसी हैं। उसके पास देश के लिए कुछ नया नहीं है।'
डी-सेंटिस ने कहा- निक्की हेली के पास देश के लिए कुछ नया नहीं
डी-सेंटिस के हटने के बाद अब रिपब्लिकन पार्टी में ट्रम्प और हेली के बीच सीधा चुनाव है। CNN के मुताबिक, इस वीकेंड पर यह साफ हो गया था कि रॉन डी-सेंटिस के पास चुनाव लड़ने के लिए फंड्स नहीं बचे थे। इसके बाद उन्होंने रविवार सुबह अपने कैंपेन के सबसे बड़े डोनर्स को फोन करके चुनाव न लड़ने की बात बताई।
उन्होंने कहा- 'ट्रम्प के होते हुए मेरे पास इलेक्शन जीतने का कोई रास्ता नहीं है। मेरे कैंपेन में लगातार लोग मुझसे यही कह रहे हैं कि अगर ट्रम्प नहीं होते तो हम आपको ही वोट देते। यह सब देखते हुए मैंने पैसे और समय बर्बाद नहीं करने का फैसला किया है।'
ट्रम्प समर्थक बोले- निक्की अमेरिका फर्स्ट आंदोलन रोकने के लिए कुछ भी करेंगी
डी-सेंटिस की घोषणा के बाद, ट्रम्प के समर्थकों ने सभी रिपब्लिकन से उनके सपोर्ट में रैली करने की अपील की। साथ ही उन्होंने पूर्व UN ऐंबैस्डर निक्की हेली को वैश्विकवादी और डेमोक्रैट्स का उम्मीदवार बताया, जो अमेरिका फर्स्ट आंदोलन को रोकने के लिए कुछ भी कर सकती है। वहीं हेली ने कहा कि वो इकलौती ऐसी कंजर्वेटिव उम्मीदवार हैं, जो बाइडेन को हरा सकती हैं।
इससे पहले 16 जनवरी को अमेरिका के आयोवा राज्य में हुए रिपब्लिकन पार्टी के चुनावों में ट्रम्प ने जीत हासिल की थी। इसमें 21% वोटों के साथ डी-सेंटिस दूसरे और 19% वोट के साथ हेली तीसरे नंबर पर रही थीं। चौथे पायदान पर रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने नतीजों के बाद चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी।
रॉन डी-सेंटिस अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के गवर्नर हैं। 44 साल के डी-सेंटिस LGBTQ+, गर्भपात, नस्लीय भेदभाव जैसे कई मुद्दों पर अपनी राय रखकर विवादों में रह चुके हैं। उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडेन के सबसे बड़े प्रतद्विंदी के तौर पर देखा जा रहा था। वो कई बार चीन का सामना करने के लिए भारत के साथ को जरूरी बता चुके हैं।
'भगवान ने ट्रम्प को अमेरिका के लिए बनाया'
ट्रम्प ने कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर अपना नया कैंपेन वीडियो रिलीज किया था। इसमें कहा गया था कि अमेरिका का ध्यान रखने के लिए भगवान ने ट्रम्प को बनाया है। सोशल मीडिया कैंपेन के 3 मिनट के वीडियो में कहा जा रहा है-14 जून 1964 को भगवान ने सोचा मुझे एक केयर टेकर की जरूरत है।
भगवान ने कहा मुझे एक मजबूत और साहसी इंसान की जरूरत है, जो भेड़ियों से न डरे। फिर उन्होंने हमें ट्रम्प को दिया। वीडियो में ट्रम्प के बचपन की तस्वीर लगी है। इसके बाद उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलता दिखाया गया है।