भारत से तनाव के बीच मालदीव के समर्थन में पाकिस्तान सामने आया है। पाकिस्तान ने मालदीव को विकास कार्यों में मदद (आर्थिक मदद) देने का आश्वासन दिया है।
यह आश्वासन पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु से फोन पर बातचीत के दौरान दिया।
दरअसल, भारत ने मालदीव को दी जाने वाली वित्तीय मदद में करीब 22% कटौती कर दी है। 2024-25 वित्तीय वर्ष में मालदीव के विकास में मदद पहुंचाने के लिए 600 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए हैं। जबकि 2023-24 में सरकार ने मालदीव को 770.90 करोड़ रुपये की मदद पहुंचाई थी। विदेश मंत्रालय के जरिए ये मदद अलग-अलग स्कीमों के तहत मालदीव तक पहुंचाई जाती है।
पाकिस्तान-मालदीव के रिश्तों पर चर्चा हुई
1 फरवरी को पाकिस्तान के केयरटेकर PM काकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु से दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा की। उन्होंने मालदीव-पाकिस्तान के द्विपक्षिय संबंध मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही कहा- हम मालदीव को सपोर्ट करते हैं। विकास कार्यों में मदद करेंगे।
भारत-मालदीव के रिश्तों में तनाव
15 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है। इसकी 4 वजह हैं- पहली- मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया।
दूसरी- मुइज्जु ने सत्ता में आने के बाद मालदीव में मौजूद भारत के सैनिकों को निकाल लेने के आदेश दिए।
तीसरी- भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की।
चौथी- मालदीव के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप विजिट को लेकर उनके और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
मालदीव में 2 साल पहले शुरू हुआ 'इंडिया आउट' कैम्पेन
2018 की बात है। चीन के करीबी और PPM के नेता राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन राष्ट्रपति चुनाव हार जाते हैं। बाद में उन्हें हवालेबाजी और एक अरब डॉलर के सरकारी धन का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया। 2019 में यामीन को पांच साल की सजा हुई। नए राष्ट्रपति बने इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, जो ‘इंडिया फर्स्ट’ की पॉलिसी पर चलते थे।
कोरोना के चलते यामीन की जेल की सजा को नजरबंदी में बदल दिया गया। नवंबर 2021 में यामीन के खिलाफ लगे सारे आरोप खारिज कर दिए गए और 30 नवंबर को रिहा कर दिया गया। इसके बाद उनका दोबारा राजनीति में आने का रास्ता भी साफ हो गया। इसके बाद वह चुनाव प्रचार में जुट गए और अक्सर अपने भाषणों में लोगों से अपील करने लगे कि अपने घरों की दीवारों पर ‘इंडिया आउट' लिखें।
2023 के राष्ट्रपति चुनाव में मोहम्मद सोलिह के खिलाफ मोहम्मद मुइज्जू ने दावेदारी पेश की। उन्होंने मालदीव में कथित भारतीय सेना की उपस्थिति के खिलाफ 'इंडिया आउट' का नारा दिया था और इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए। यह अभियान इस बात पर आधारित था कि भारतीय सैनिकों की मौजूदगी मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा है।