महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन से पहले हाथ में लगेगा डिवाइस, हर एंट्री के लिए RFID स्मार्ट रिस्टबैंड, जानें खासियत
Updated on
27-10-2024 12:23 PM
उज्जैन: महाकाल मंदिर में भस्म आरती देखने जाने वाले श्रद्धालुओं को स्मार्ट रिस्टबैंड पहनने होंगे। इससे अनधिकृत प्रवेश रोका जा सकेगा। महाकालेश्वर मंदिर में अक्सर भस्म आरती के लिए नकली अनुमति से घुसने की खबरें आती रहती हैं। इसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने आरएफआईडी तकनीक अपनाने का फैसला किया है।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भस्म आरती में प्रवेश के हर चरण पर आरएफआईडी बैंड से एंट्री मिलेगी। हर श्रद्धालु को पास के साथ यह बैंड दिया जाएगा। मंदिर से बाहर निकलते समय इसे वापस करना होगा।
मंदिर में लगेंगे स्कैनर और कंप्यूटर सिस्टम
नई व्यवस्था दिवाली के बाद लागू हो जाएगी। इंदौर की एक कंपनी को इसका काम दिया गया है। कंपनी ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। नागपुर से रिस्ट-स्ट्रिप पेपर जल्द ही आने वाला है। अगले हफ़्ते तक मंदिर में ऐप, कंप्यूटर, आरएफआईडी रीडर (स्कैनर) और प्रिंटर लगा दिए जाएंगे।
आरएफआईडी तकनीक से आसान हो जाएगा काम
अभी तक भक्तों को बारकोड वाला एक कागज का पास दिया जाता है। जिस पर उनका नाम, उम्र, पता, तारीख और दर्शन का समय लिखा होता है। अब आरएफआईडी तकनीक से यह काम और आसान हो जाएगा।
दर्शन के बाद वापस करना होगा बैंड
किसी भी भक्त को ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से भस्म आरती की अनुमति मिलने के बाद पहले काउंटर पर बैंड दिया जाएगा। भस्म आरती का टिकट दिखाने के बाद श्रद्धालु मानसरोवर के रास्ते अंदर जाएंगे। रास्ते में कई जगहों पर लगे RFID रीडर से होकर गुजरना होगा। आरती के बाद यह कलाई बैंड एक निश्चित काउंटर पर वापस जमा करना होगा।
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