नई दिल्ली में आज से 9वें रायसीना डायलॉग की शुरुआत होगी। यह सम्मेलन 23 फरवरी तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ शाम को रायसीना डायलॉग की औपचारिक शुरुआत होगी। इस बार ग्रीस के PM किरियाकोस मित्सोटाकिस इसके चीफ गेस्ट हैं। वे 21-22 फरवरी को भारत के राजकीय दौरे पर भी रहेंगे।
डायलॉग के लिए कई देशों के विदेश मंत्री भारत पहुंच चुके हैं। इनमें हंगरी, मॉरिशस, फिनलैंड, बोस्निया-हर्जेगोविना और लिकटेंस्टीन के विदेश मंत्री शामिल हैं। हंगरी के फॉरेन मिनिस्टर पीटर स्जिजार्टो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात भी की।
रायसीना डायलॉग 2024 की थीम चतुरंग है। यानी कॉनफ्लिक्ट (संघर्ष), कॉन्टेस्ट (प्रतियोगिता), को-ऑपरेट (सहयोग) और क्रिएट (निर्माण)। चतुरंग असल में भारत में शुरू हुआ एक खेल है, जिसे शतरंज और मकरक जैसे खेलों का पुराना स्वरूप कहा जाता है। इसमें चार सेनाएं होती हैं, जिनमें हाथी सेना, रथ सेना, घुड़सवार और पैदल सेना शामिल होती है।
शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर शुरू हुआ
रायसीना डायलॉग को सिंगापुर में होने वाले शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर आयोजित किया जाता है। शांगरी-ला रक्षा मंत्रियों के लिए होने वाला सम्मेलन है, जबकि रायसीना में विदेश मंत्रियों की बैठक होती है। ग्रीक PM के अलावा कई देशों के विदेश मंत्री, रिसर्चर्स, थिंक टैंक इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इसमें यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री इरिना बोरोवेट्स भी शामिल हैं।
रायसीना डायलॉग का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) मिलकर करते हैं। इस बार के रायसीना डायलॉग में 115 देशों के 2500 से ज्यादा डेलीगेट शामिल होंगे। इस दौरान रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग के अलावा कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसमें UNSC का विस्तार, दुनिया में ग्लोबल साउथ देशों की बढ़ती भागीदारी, इंडो-पेसिफिक में शांति, AI और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे शामिल हैं।'
तीसरी दुनिया के किसी देश में होने वाली इकलौती कॉन्फ्रेंस
रायसीना डायलॉग किसी थर्ड वर्ल्ड देश में इतने बड़े पैमाने पर होने वाला इकलौता सम्मेलन है। वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार सत्येंद्र रंजन ने बताया कि रायसीना डायलॉग भारत में किसी थिंक टैंक की तरफ से आयोजित की जाने वाली एकमात्र कॉन्फ्रेंस है। यह कॉन्फ्रेंस सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी स्थिति बताने के लिए एक अहम मंच है।
इस पर दुनियाभर के पॉलिसी मेकर्स और जियोपॉलिटिक्स में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों की नजर रहती है। इस कॉन्फ्रेंस के जरिए दूसरे देशों और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों को आने वाले समय में भारत सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर जानकारी मिलती है।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा था- दूसरे देशों में घुसपैठ पर अमेरिका से भी सवाल पूछें
2023 में 1-2 मार्च को G20 के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसके ठीक बाद 2-4 मार्च तक भारत में रायसीना डायलॉग आयोजित हुआ था। इसमें इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी चीफ गेस्ट थीं। इस दौरान पहली बार रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी इस सम्मेलन में शामिल हुए थे।
रायसीना में सर्गेई के संबोधन ने दुनियाभर में रायसीना को चर्चा का विषय बना दिया था। दरअसल, एक सेशन के दौरान रूसी विदेश मंत्री से पूछा गया था कि क्या जंग ही यूक्रेन के साथ विवाद का इकलौता समाधान था। इसके जवाब में सर्गेइ लावरोव ने कहा था- दूसरे देशों में घुसपैठ को लेकर कोई अमेरिका से सवाल क्यों नहीं पूछता है?
लावरोव बोले थे- अमेरिका ने इराक को उजाड़ दिया, ब्रिटेन के PM ने इसे छोटी भूल बताया
लावरोव ने कहा था कि क्या आपने कभी अमेरिका और नाटो से पूछा कि वो अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में जो कर रहे हैं वो सही है? लावरोव के इस जवाब पर वहां मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाई थीं। लावरोव ने यूक्रेन जंग को जायज ठहराने के लिए इराक युद्ध का उदाहरण दिया था।
उन्होंने कहा था- अमेरिका के चीफ ऑफ स्टाफ कोलिन पॉवल ने एक शीशे की छोटी सी ट्यूब के आधार पर इराक पर परमाणु हथियार रखने के झूठे आरोप लगाए थे। अमेरिका ने पूरे देश को उजाड़ दिया। इतनी बड़ी घटना पर ब्रिटेन के पीएम टोनी ब्लेयर कहते हैं कि हमसे भूल हो गई थी, अब क्या कर सकते हैं। अमेरिका अपनी सुरक्षा का हवाला देकर अपने से मीलों दूर के देशों पर बिना सोचे मिनटों में हमला कर देता है।
जापान ने कहा था- चीन नियमों का पालन करे तो क्वाड का हिस्सा बन सकता है
इसके अलावा रायसीना के ही बैनर तले क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक हुई थी। इस दौरान जापान के विदेश मंत्री योशीमाशा हयाशी ने कहा था- QUAD कोई मिलिट्री ग्रुप नहीं है। हम चीन को भी इससे बाहर नहीं रखना चाहते हैं, बशर्ते वो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने को तैयार हो।