मूर्ति ने आगे समझाते हुए कहा, 'यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्जित करूंगा, यदि मैं अधिक कर चुकाऊंगा, तो वह बच्चा बेहतर स्थिति में होगा।' यानी ज्यादा मेहनत और कमाई से ज्यादा टैक्स दे पाएंगे। इससे सरकार को मदद मिलेगी और बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। उन्होंने साफ किया कि 70 घंटे काम करना कोई नियम नहीं है। यह सिर्फ उनका निजी अनुभव है। हर व्यक्ति को अपनी क्षमता और परिस्थितियों के हिसाब से काम करना चाहिए। काम के घंटों से ज़्यादा जरूरी है कि हमारा काम समाज के लिए कितना फायदेमंद है।