इस्लामाबाद । कोरोना महासंकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 1300 के आंकड़े को पार कर गई है। संकट की इस घड़ी में जहां पूरी दुनिया में सोशल डिस्टेसिंग पर जोर दिया जा रहा है, वहीं पाकिस्तानी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए भारत में जुमे की नमाज लोग घरों में अदा कर रहे हैं लेकिन पाकिस्तानी अभी भी मस्जिदों में जा रहे हैं। आलम यह है कि पाकिस्तानी प्रशासन को अब जुमे की नमाज में भीड़ कम करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार ने लोगों को घरों में रहने के लिए कहा है ताकि ईरान की तरह से पाकिस्तान में कोरोना का प्रसार न हो जाए। इसी को देखते हुए पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूर उल कादिरी ने जुमे की नमाज के अधिकतम लोगों की संख्या 5 तक सीमित कर दी। यह घोषणा ऐसे समय पर हुई जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सभी धार्मिक समूहों के साथ बैठक की और जुमे की नमाज में भीड़ को कम करने पर उनकी मदद मांगी। राष्ट्रपति की इस अपील के बाद इस बैठक में शामिल एक बैठक में शामिल एक मौलाना ताकी उस्मानी ने कहा कि हम 20 लोगों को अनुमति देना चाहते थे लेकिन सरकार चाहती थी कि केवल 5 लोग आएं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे सहयोग करें। मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक जुमे की नमाज मस्जिद में अदा करना ज्यादा पवित्र है। इसी वजह से सभी के लिए जुमे की नमाज मस्जिद में अदा करना जरूरी है। कोरोना महासंकट को देखते हुए तीन राज्यों में भीड़ के साथ शुक्रवार की नमाज मस्जिद में अदा करने पर रोक लगा दी है। लेकिन खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में अभी इसको लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। वहां पर अभी भी भारी भीड़ के साथ लोग जुमे की नमाज अदा करने जा रहे हैं।