लंदन । ब्रिटेन में कोरोना वायरस राजघराने से लेकर सरकार तक पहुंच गया है। इसके कारण कारोबार भी ठप पड़े हैं। इस बीच यूनाइटेड किंगडम में सेक्स वर्कर्स ने सरकार ने आर्थिक मदद की मांग की है। लंदन में इंग्लिश कलेक्टिव ऑफ प्रॉस्टिट्यूट्स ने हजारों सेक्स वर्कर्स को कर्मचारियों की तरह फायदा देने की मांग की है। संगठन ने मांग की है कि सेक्स वर्कर्स को आर्थिक सहायता दी जाए। इस कारोबार में ज्यादातर काम पर्सनल कॉन्टैक्ट पर आधारित होता है, जो इस समय इस बीमारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण है। ज्यादातर सेक्स वर्कर्स सिंगल मदर हैं जो गरीबी में जी रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक हजारों परिवार सेक्स वर्क पर निर्भर करते हैं। सेक्स वर्कर्स की आय कम हो गई है और कुछ लोगों का काम ही नहीं चल रहा है। गलियों में काम करने वाली महिलाएं, माइग्रेंट और ट्रांसवर्कर्स पहले ही गरीबी, गिरफ्तारी और हिंसा के खतरे झेलती हैं। दूसरे वर्कर्स की तरह आय और हेल्थ के बीच चुनना पड़ रहा है। हेल्थ प्रफेशनल्स से कॉन्टैक्ट करना और कॉन्टैक्ट ट्रेस करना मुश्किल होता है क्योंकि अपनी और जो लोग साथ में काम कर रहे हैं उनकी पहचान जाहिर नहीं की जा सकती है। सेक्स वर्कर्स को दूसरे वर्कर्स की तरह स्टेटस नहीं मिलता और अधिकार और आर्थिक फायदा भी क्यों नहीं मिलता। बेघर सेक्स वर्करों को किराये, गिरवी, यूटिलिटी बिल रिलीफ और इमर्जेंसी हाउसिंग के लिए मदद चाहिए। ये लोग लंबे समय से सेक्स वर्क को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग की जा रही है।