न्यूयार्क। कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका में चल रहे लॉकडाउन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फेक न्यूज फैलाकर इस बात की कोशिश की जा रही है कि देश की इकोनॉमी को बंद रखा जाए ताकि वो दोबारा नहीं चुने जा सकें। व्हाइट हाइस में प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप ने कहा कि ऐसा लगता है कि मीडिया चाहती है कि मैं चुनावों में बुरा प्रदर्शन करूं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने ऐसी सभी न्यूज स्टोरीज़ को फेक करार दिया, जिसमें ट्रंप प्रशासन को कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू में करने में नाकाम बताया गया था। कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने में अमेरिका में मास्क और वेंटिलेटर्स की कमी अमेरिकी मीडिया में छाई हुई है। इसको लेकर व्हाइट हाउस की लगातार आलोचना की जा रही है, जबकि ट्रंप इन सबको फेक न्यूज करार दे रहे हैं। कोरोना वायरस के विशेषज्ञ से अलग ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें लगता है कि अप्रैल के मध्य ईस्टर तक अमेरिकी इकोनॉमी को खोल देना चाहिए। अमेरिका इतने दिनों के लॉक डाउन के लिए तैयार नहीं है, जबकि मेडिकल विशेषज्ञ का कहना है कि ऐसा करना घातक होगा और इससे संक्रमण और तेजी से फैलेगा। ट्रंप ने इस बात को लेकर मीडिया को कई बार कोसा। उन्होंने व्हाइट हाइस की प्रेस ब्रीफिंग के बाद ट्विटर पर भी मीडिया की शिकायत करते नजर आए। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं पूरे दिन मीटिंग में लगा रहा। मेरे पास बेवकूफियों के लिए वक्त नहीं है। हम दिन रात अमेरिका की सुरक्षा में लगे हुए हैं।प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भी एक रिपोर्टर के सवाल करने पर ट्रंप झुंझला गए।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो लॉकडाउन को जल्दी खत्म होते देखना नहीं चाहते हैं। उन लोगों को लगता है कि अच्छा होगा अगर मैं चुनाव हार जाऊं। इसके बाद उन्होंने मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके प्रोफेशन में ऐसे लोग हैं, जो ऐसा होता देखना चाहते हैं। ये बिल्कुल साफ है कि आपमें से ऐसे कुछ लोग हैं जो बिल्कुल फेक न्यूज लिखते हैं। ट्रंप का दोबारा चुना जाना इस बात पर निर्भर करता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत रहती है लेकिन पिछले दिनों कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार लुढ़का है। बिजनेस ठप पड़ा है और लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जो तेजी आई थी, वो गायब हो चुकी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉक डाउन से 20 से 30 फीसदी अमेरिकियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।