इस्लामाबाद। पाकिस्तान में किलर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 1 हजार पहुंच गई है जबकि 7 लोगों की इस महामारी के चपेट में आने से मौत हो गई है। पूरे देश में सेना तैनात करने और कई जगहों पर लॉक डाउन के बाद भी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। सबसे ज्यादा 413 मामले सिंध से आए हैं। पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर बदइंतजामी के कारण अब इमरान खान सरकार कोर्ट के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब में 296 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। पंजाब के शेखूपुरा इलाके में पहला ऐसा मरीज मिला है जिसका विदेश जाने का कोई रेकॉर्ड नहीं था। मंगलवार को उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में ज्यादातर नए मामले बलूचिस्तान, सिंध, इस्लामाबाद और गिलगिट बाटिस्तान से आए हैं। इस महामारी से सबसे ज्यादा सिंध सूबा प्रभावित हुआ है। इस बीच कोरोना वायरस को लेकर लाहौर हाई कोर्ट ने इमरान सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। हाई कोर्ट ने पिछले कुछ हफ्ते में ईरान जाने वाले लोगों के बारे में जानकारी मांगी है। इसके अलावा विदेशों में फंसी पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में आंकड़े मांगे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के मुताबिक विदेशों से करीब डेढ़ लाख पाकिस्तानी वापस आना चाहते हैं लेकिन वह अभी लाने में सक्षम नहीं हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि इमरान सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार ने ईरान से तीर्थयात्रियों को समय पर वापस बुलाने के लिए प्रयास नहीं किया। यही नहीं जो यात्री ईरान से लौटे उन्हें घर जाने दिया गया जबकि उन्हें 14 दिन तक अलग रखने की जरूरत थी। ये ईरान से आए लोग अब देश में कोरोना वायरस के प्रसार के बड़े स्रोत बन गए हैं। ऐसा लगता है कि इस महाआपदा को सही ढंग से संभालने को लेकर गंभीर नहीं है। इससे पहले कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस महामारी से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। इमरान खान ने 1.13 ट्रिल्यन रुपए के वित्तीय पैकेज की घोषणा की। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह आर्थिक पैकेज कोरोना से जंग और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को देखते हुए घोषित किया है।