बगदाद । उत्तरी इराक के दूरदराज वाले किरकुक प्रांत में स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर गुरुवार 13 फरवरी रात रॉकेट से हमला किया गया। इराकी और अमेरिकी सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि हमले में किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है।
यह 27 दिसंबर के बाद पहला हमला है, जब अमेरिकी अड्डे पर 30 रॉकेट दागे गए थे। वॉशिंगटन ने उस हमले का आरोप इरान से जुड़े कट्टरपंथी इराकी सैन्य गुट कातेब हिजबुल्लाह पर लगाया था। इसके एक दिन बाद अमेरिका ने जवाबी हमला करते हुए हिजबुल्लाह के 25 लड़ाकों को मार डाला था। कुछ दिनों बाद अमेरिकी हमले में इरान के सबसे बड़े रणनीतिकार सैन्य अधिकारी कासिम सुलेमानी को मार डाला था।
इससे पहले पेंटागन ने बताया था कि ईरान की तरफ से पिछले महीने इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर किए गए मिसाइल हमले में 100 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों को दिमाग में हल्की चोट आई थी। पेंटागन ने 11 फरवरी को को जारी एक बयान में कहा, आज की तारीख तक, 109 अमेरिकी सेवा सदस्यों में दिमाग में हल्की चोट (एमटीबीआई) आने का पता चला है, यह पिछली रिपोर्ट से 45 ज्यादा है।
इनमें से 76 ड्यूटी पर लौट आए हैं, जबकि बाकी बचे ज्यादातर लोगों का इलाज चल रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरुआत में कहा था कि कोई अमेरिकी सात-आठ जनवरी की रात पश्चिमी इराक के एन अल-असद अड्डे पर किए गए हमले में कोई अमेरिकी घायल नहीं हुआ था हालांकि बाद में अधिकारियों ने बताया था कि 11 सैनिक घायल हुए थे। ईरान ने तीन जनवरी को हुए अमेरिकी ड्रोन हमले का जवाब देते हुए सैन्य अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी। इस ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए थे जब वह बगदाद में थे।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 14 फरवरी 2020