रूस के खिलाफ नाटो का महाप्लान
इस अभ्यास में स्वीडन भी हिस्सा लेगा जिसे तुर्की और हंगरी के विरोध के कारण अब तक नाटो में शामिल नहीं किया जा सका है। इसके साथ ही अभ्यास में भाग लेने वाले कुल सैनिकों की संख्या 32 तक पहुंच जाएगी। यह युद्धाभ्यास जर्मनी, पोलैंड और बाल्टिक सागर में फरवरी से मार्च के बीच आयोजित किया जाएगा। नाटो ने नई ट्रेनिंग रणनीति बनाई है और अब हर साल दो बड़े युद्धाभ्यास किए जाएंगे। नाटो अब आतंकवाद विरोधी खतरे से निपटने की भी ट्रेनिंग देगा। ऐसे खतरे जो सीमा से दूर हैं।
नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने पिछले साल जून में कहा था कि नाटो अपने हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने वाले सैनिकों की संख्या को 40 हजार से बढ़ाकर 3 लाख किया जाएगा। यह नाटो के सैन्य तैयारियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने के अभियान का हिस्सा है। नाटो अब रिएक्शन फोर्स तैयार कर रहा है जो रूस के किसी भी हमले का बहुत तेजी से जवाब दे सकेगा। बाल्टिक सागर से सटे देश लगातार नाटो से मांग कर रहे हैं कि वे पूर्वी मोर्चे पर अपनी सैन्य तैयारी को बढ़ाएं। वह भी तब जब रूस बेलारूस को परमाणु बम दे रहा है। जर्मनी ने कहा है कि वह लिथुआनिया में अपने 4 हजार सैनिकों को बरकरार रखेगा।