⛅ मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - वैशाख)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - षष्ठी 01 जून रात्रि 01:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ नक्षत्र - श्रवण शाम 04:02 तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - ब्रह्म सुबह 06:04 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहुकाल - सुबह 07:37 से सुबह 09:17 तक
⛅ सूर्योदय - 05:57
⛅ सूर्यास्त - 19:14
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ *व्रत पर्व विवरण - आज सोमवार, ज्येष्ठ कृष्ण पञ्चमी/ षष्ठी तिथि है, आज श्रवण नक्षत्र, "आनन्द" नाम संवत् 2078 है I
👉 गर्ग संहिता में उल्लेखित यमुना कवच का पाठ करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
👉 त्वमेव माता च पिता त्वमेव.. में "द्रविणं त्वमेव" का अर्थ है - आप ही धन हैं।
👉 देवी देवताओं को अक्षत क्यों चढ़ाते हैं और अक्षत का महत्त्व क्यों है?
👉 अक्षत (चावल) को ब्रह्मा जी ने ब्रह्मावर्त देश में बोया था, भगवान विष्णु ने वेदमय जल से सिंचित किया था और शंकर जी ने उसकी राक्षसों से रक्षा की थी, इसलिए अक्षत का महत्त्व अत्यधिक है।
👉 यज्ञोपवीत का महत्त्व भी इसी प्रकार है।
👉 यज्ञोपवीत की रचना वेदज्ञ ब्राह्मणों ने की है। पांच नैमित्तिक कर्मों में इसका उपयोग कल्याण दायक होता है।
👉 लौंग एवं मलियागिरी के चूर्ण को मिलाकर धूप बनाना चाहिए।
👉 एकमात्र लोमश ऋषि ऐसे हैं जिनके सामने सौ ब्रह्मा का जीवन बीत चुका है। एकमात्र वे ही दीर्घजीवी हैं। (गर्ग संहिता)
👉 महर्षि दाधीचि अणुशक्ति के प्रथम आविष्कारक थे।
💥 विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 घर में अशांति निवृति हेतु 🌷
💥 जिनके घर में झगड़े बहुत होते हों और अशांति के कारण वातावरण बड़ा विचित्र रहता हो तो उनको चाहिए नीम के पत्ते घी में डुबाकर गायत्री मंत्र बोलते हुए आहुति डालें | पहले संकल्प कर दें श्वास रोक कर कि हमारे घर में शांति बढ़े ..क्लेश ना हो ..झगड़े न हो |
🌷 दाँतों की मजबूती के लिए 🌷
🐄 देशी गाय का गौमूत्र ३-४ बार कपड़े से छान कर मुंह में भरे और अच्छी तरह कुल्ला करें फिर थूक दें ... फिर भरे ...ऐसा ४-५ बार करें ....फिर साफ पानी से मुंह धो लें | उस आदमी को कभी doctor के पास नहीं जाना पड़ेगा | बुढ़ापे में भी दांत मजबूत रहेंगे | चौखट नहीं लगवानी पड़ेगी |
🌷 ग्रहदोष व ग्रहबाधा निवारण हेतु 🌷
卐 ग्रहदोष और ग्रहबाधा जिनको भी लगी हो, वे अपने घर में ९ अंगुल लम्बा कुम -कुम का स्वस्तिक बना दें तो ग्रहबाधा की जो भी समस्याएँ हैं, दूर हो जायेंगी |