*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 10:59 तक तत्पश्चात पुष्य*
*⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 01:03 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:17 से 03:49 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:34*
*⛅सूर्यास्त - 06:54*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:48 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -श्रीराम नवमी, गुरुपुष्यामृत योग ( रात्रि 10:59 से 31 मार्च सूर्योदय तक ), श्री सहजानंद स्वामी जयंती*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 श्री राम नवमी - 30 मार्च 2023 🌹*
*🌹 पुनर्वसु नक्षत्र और रामनवमी का योग बड़ा दुर्लभ और अद्भुत है । सूर्यग्रहण के समय भगवन्नाम-जप का कई गुना फल होता है परंतु इस पुनर्वसु नक्षत्र युक्त रामनवमी में ध्यान, जप, उपवास का अधिक फल होता है ।*
*🔸नवरात्रि पारण कब करें ? 🔸*
*🔸 शंका होगी कि 'नवमी को नवरात्रि का व्रत खोलना, पारायण करना है फिर यह रामनवमी उपवास कैसे शुरू करें ?"*
*🔸तो नवमी को नवरात्रि का उपवास मानसिक रूप से खोल के थोड़ा-सा फलाहार जैसा प्रसाद ले लिया फिर 'आज रामनवमी का व्रत रख रहा हूँ' ऐसा संकल्प करके व्रत कर लिया । उपवास दशमी को खोलना है ।*
*🔹त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था । इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है ।*
*🔸श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर अथवा अपने घर में ही गुरुदेव के तस्वीरे सामने बैठ के राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें । हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।*
*🔹दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें । इससे धन लाभ हो सकता है ।*
*🔹इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं । इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है ।*
*🔹श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाऐं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी ।*
*🔹इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें । इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।*
*🔹इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें । इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।*
*🔹भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं । इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी ।*
*🌹 30 मार्च 2023 : गुरुपुष्यामृत योग 🌹*
*🔹पुण्य काल - 30 मार्च रात्रि 10:59 से 31 मार्च सूर्योदय तक*
*🌹 पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है ।*
*🌹 गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।*
*🌹 गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।*
*🌹गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है ।*
*🌹गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित है ।*
*🔹कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में ?🔹*
*🌹 बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्यामृत योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें ।*