विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
बिल्ली रास्ता काट जाये तो
बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपशकुन मत मानो ....राहु का वाहन है बिल्ली.... बिल्ली रास्ता काट जाये तो राहु देवता आ रहे हैं पीछे-पीछे मेरी मदद करने के लिए ...मेरा मनोबल बढाने के लिए एक बार मन में बोल दो " ॐ रहवये नमः " ...राहु का मंत्र है ...राहु भी खुश हो जायेंगे ।
वास्तु शास्त्र
गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है ।घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।
कर्पूर मिश्रित जल
गो चंदन अगरबत्ती गाय के घी में डुबो के जला देते तो भी गाय के गोबर के कंडे जैसा परिणाम देगा …. कभी मै उस में कपूर भी रख देता…. कभी कभी कर्पूर मिश्रित जल कमरे में छिटक देना भी हितकारी माना जाता है ….कपूर पानी में डाल के वो पानी कमरे में छिटक दे…..
कैसा होगा भावी जीवन साथी ..
कन्या की शादी में सबसे अधिक चिन्ता उसके होने वाले पति के विषय में होती है किवह कैसा होगा I सप्तम भाव और सप्तमेश विवाह में महत्वपूर्ण होता है I ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तम भाव में शुभ ग्रह यानी चन्द्र,गुरू,शुक्र या बुध हो अथवा ये ग्रह सप्तमेश हों अथवा इनकी शुभ दृष्टि इस भाव पर होने पर कन्या का होने वाला पति कन्या की आयु से सम यानी आस पास होता है I यह दिखने में सुन्दर होता है. सूर्य,मंगल,शनि अथवा राहु,केतु सप्तम भाव में हों अथवा इनका प्रभाव इस भाव पर हो तब वर गोरा और सुन्दर होता है औरकन्या से लगभग 5 वर्ष बड़ा होता है I कन्या की कुण्डली में सूर्य अगर सप्तमेश है तो यह संकेत है कि पति सरकारी क्षेत्र से सम्बन्धित होगा I चन्द्रमा सप्तमेश होने पर पति मध्यम कदकाठी का और शांति चित्त होता है I सप्तमेश मंगल होने पर पति बलवान परंतु स्वभाव से क्रोधी होता हैI मध्यम कदकाठी का ज्ञानवान और पुलिस या अन्य सरकारी क्षेत्र में कार्यरत होता है I सप्तम भाव में शनि अगर उच्च राशि का होता है तब पति कन्या से काफी बड़ा होता है और लम्बा एवं पतला होता है I नीच का शनि होने पर पति सांवला होताहै I
कितनी होगी जीवन साथी की आयु..
लड़की की जन्मपत्री में द्वितीय भाव को पति की आयु का घर कहते हैं. इस भाव का स्वामी शुभ स्थिति में होता है अथवा अपने स्थान से दूसरे स्थान को देखता है तो पति दीर्घायु होता है I जिस कन्या के द्वितीय भाव में शनि स्थित हो या गुरू सप्तम भाव स्थित हो एवं द्वितीय भाव को देख रहा हो वह स्त्री भी सौभाग्यशाली होती है यानी पति की आयु लम्बी होती है I