इजराइल के हमले में बुधवार देर रात हमास चीफ इस्माइल हानिए के तीन बेटों की मौत हो गई। इजराइली सेना ने गाजा के अल-शती कैंप के पास एक कार पर एयरस्ट्राइक की। इसमें इस्माइल हानिए के तीन बेटों, 3 पोतियों और एक पोते की मौत हो गई। मौत की पुष्टि खुद हानिए ने की है।
इजराइली सेना का कहना है कि हानिए के तीनों बेटे आतंकी थे। सेना के मुताबिक, अमीर हानिए हमास में स्क्वाड कमांडर था। वहीं, हाजेम और मोहम्मद हानिए ऑपरेटिव्स थे। तीनों सेंट्रल गाजा में हमला करने के लिए जा रहे थे। इनमें से एक इजराइलियों को बंधक बनाने में भी शामिल था।
हानिए बोला- तीनों की शहादत का सम्मान करते हैं
इस्माइल हानिए ने कतर के मीडिया हाउस अल जजीरा को तीन बेटों की मौत की पुष्टि की। कहा, "उनकी शहादत का सम्मान हमें देने के लिए अल्लाह का शुक्रिया।" वहीं, अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में हानिए ने कहा कि हमास सरेंडर नहीं करेगा और हमले जारी रखेगा।
हानिए ने कहा, "उनका (इजराइलियों का) खून यरुशलम और अल-अक्सा की आजादी के लिए बहाएंगे। इसी राह पर बिना संकोच के आगे बढ़ते रहेंगे। उनके खून से हम अपने लोगों और अपने उद्देश्य के लिए आशा, भविष्य और स्वतंत्रता लाएंगे।
हमारी मांगें साफ हैं। दुश्मन अगर सोचता है कि बातचीत से कुछ बदलाव आ सकते हैं तो यह उसकी गलतफहमी है। अगर उन्हें लगता है कि मेरे बेटों को निशाना बनाकर हमास को अपनी स्थिति बदलने के लिए मजबूर किया जा सकता है तो यह गलत है। मेरे बेटों का खून हमारे लोगों के खून से ज्यादा प्रिय नहीं है।"
हानिए के 13 बच्चे हैं
हानिए ने अल जजीरा को बताया कि उसके 13 बच्चें हैं। 7 अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल-हमास जंग में अब तक उसने 60 परिजनों को खोया है। हानिए ने कहा कि उसने भी वह दर्द झेला है जो बाकी फिलिस्तीनी झेल रहे हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हानिए के बेटे ईद मनाने के लिए अपने परिजनों के घर जा रहे थे। तभी इजराइली सेना ने उनकी कार पर एयरस्ट्राइक की।
इधर, तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने हानिए के बेटों की मौत पर दुख जताया है। एर्दोगन ने हानिए को फोन कर कहा, "मानवता के विरुद्ध किए गए अपराधों के लिए इजराइल को निश्चित रूप से कानून के सामने जिम्मेदार ठहराया जाएगा।" ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भी घटना पर दुख जताया।
प्लानिंग के साथ हुई एयरस्ट्राइक
हिब्रू मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हानिए के तीन बेटों पर हमले को इजराइली सेना की दक्षिणी कमान में एक कर्नल ने अप्रूव किया था। एक इजराइली अधिकारी ने 'टाइम्स ऑफ इजराइल' को बताया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट को हमले के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी।
2017 से हमास का चीफ है हानिए
2013 में हानिए को हमास का डिप्टी चीफ अपॉइंट किया गया और चार साल बाद 2017 में हमास के फैसले लेने वाली ‘शूरा काउंसिल’ ने उसे हमास का चीफ अपॉइंट कर दिया। तब से हानिए हमास का चीफ है, जो दोहा में रहता है।
हमास की लीडरशिप मिलने के बाद हानिए ने पहली बार दिसंबर 2019 में गाजा पट्टी को छोड़ा। इस दौरान वो एक हमास डेलीगेशन के साथ कई देशों के टूर पर गया था। हानिए ने तुर्की और कतर में कई उच्च स्तरीय बैठकें कीं। 8 दिसंबर 2019 में तुर्किये (तब तुर्की) के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन से मीटिंग के बाद ब्रिटिश मीडिया ने रिपोर्ट किया कि हमास अब इस्तांबुल से ही ऑपरेट करेगा।
तब हमास डेलीगेशन ने ऐलान किया था कि वे मलेशिया, रूस, लेबनान, मॉरीशस और कुवैत के दौरे पर भी जाएंगे। हानिए ने इस्तांबुल में मीडिया से यह भी कहा था कि वह ईरान के साथ भी हमास के रिश्ते सुधार रहा है।
फरवरी 2020 के शुरुआती दिनों में खबर आई कि मिस्र हानिए को गाजा वापस जाने से रोक रहा है, क्योंकि गाजा में लौटने का वही एक रास्ता है, इसलिए हानिए कतर में रहेगा। हमास के सीनियर ऑफिशियल खलील अल हय्या ने बाद में कंफर्म किया कि हानिए कतर की राजधानी दोहा में सेटल हो गया है, ताकि भविष्य में वो आजादी से कहीं भी आ जा सके। दोहा में हमास का एक राजनीतिक दफ्तर भी है, जिसे कतर की सरकार सिक्योरिटी उपलब्ध कराती है।
'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन'
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया। जंग में अब तक 33 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। 1200 इजराइलियों की मौत हुई थी।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।