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3 जून 2021

Updated on 03-06-2021 02:15 PM
गुरुवार, ज्येष्ठ  महा कृष्ण पक्ष सूर्योदय नवमी तिथि रात 02:22 तक उसके उपरांत दशमी तिथि।
आज गुरुवार, ज्येष्ठ कृष्ण नवमी तिथि है ,आज पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र, "आनन्द" नाम संवत् 2078 है
👆 ( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
पंचक प्रारंभ   :- 31 मई की रात 03:59 से पंचक प्रारंभ हो चुके हैं 
पंचक समाप्ति:- 5 जून शनिवार रात 11:28 तक पंचक रहेंगे उसके उपरांत पंचक समाप्ति।
नक्षत्र -  पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र शाम 06:35 तक उसके उपरांत उत्तराभाद्रपद नक्षत्र।

 दिन चौघड़िया मुहूर्त
 शुभ :- प्रातः 05:34 से 07:15 प्रातः तक
चर-सामान्य :- प्रातः 10:36 से 12:17 दोपहर तक
लाभ :- दोपहर 12:17 से  01:58 दोपहर तक
शुभ :- शाम 05:20 से 07:01 शाम तक।
रात्रि चौघड़िया मुहूर्त
अमृत :- शाम 07:01 से 08:20 रात तक
चर-सामान्य :- रात 08:20 से 09:39 रात तक
लाभ:- रात 12:17 से 01:36 रात तक
शुभ :- रात 02:55  से 04:15 रात तक
अमृत :- रात 04:15 से 05:34 दूसरे दिन प्रातः तक।
अभिजीत सर्वश्रेष्ठ  मुहूर्त -  दिन के 11:50 से  12:44 दोपहर तक।
राहुकाल -   दोपहर 01:58 से  03:39 दोपहर  तक इसमें शुभ कार्य करना निषेध है।
 दिशाशूल -आज के दिन दक्षिण दिशा यात्रा करने की मनाई है अगर जाना जरूरी हो तो घर से हल्दी वाला दूध पीकर  निकले कार्य में सफलता मिलेगी I
गंगाजल 
👉 गंगाजल को कभी भी गर्म करके उपयोग में नहीं लेना चाहिए।
👉  गंगा जी ब्रह्माण्ड का भेदन कर तीन लोक में आई है।
👉  गंगा जी ने हिमालय के यहां वैशाख शुक्ल तृतीया (अक्षय तृतीया) को दोपहर में ज्येष्ठ पुत्री के रूप में जन्म लिया है। (वृहद्धर्म पुराण 15/22,  42/4)
👉 वैशाख शुक्ल सप्तमी को राजर्षि जह्नु ने अपने कान से गङ्गा जी को पुनः प्रवाहित किया था। तब से वे जाह्नवी कहलाई।
👉 पृथ्वी पर  गंगा जी का अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हुआ था।
👉  गंगा स्नान के बाद शरीर को पोंछना नहीं चाहिए।
👉  गंगा क्षेत्र के चार विभाग माने गए हैं -  गंगा तट, गङ्गा गर्भ, गङ्गा तीर तथा गंगा  क्षेत्र।
👉 प्रवाह से लेकर 6 फीट तक की भूमि  गंगा  तट होती है।
👉 गंगा प्रवाह से 150 फीट तक गङ्गा गर्भ माना गया है।
👉  गंगा  गर्भ से 225 फीट तक गङ्गा तीर माना जाता है।
👉  गंगा तीर से 6.400 कि.मी. तक का स्थान  गंगा क्षेत्र माना गया है।


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