⛅ मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - प्रतिपदा रात्रि 08:54 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ नक्षत्र - हस्त शाम 03:02 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - ध्रुव शाम 05:54 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहुकाल - सुबह 08:07 से सुबह 09:39 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 18:51
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण - धुलेंडी, धूलिवंदन, वसंतोत्सव प्रारंभ
विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
केमिकल रंग छूटाने के लिए
यदि किसी ने आप पर रासायनिक रंग लगा दिया हो तो तुरंत ही बेसन, आटा, दूध, हल्दी व् तेल के मिश्रण से बना उबटन रंगे हुए अंगों पर लगाकर रंग को धो डालना चाहिए | यदि उबटन लगाने से पूर्व उस स्थान को नींबू से रगड़कर साफ़ कर लिया जाय तो रंग छूटने में और अधिक सुगमता होती है |
होली के बाद खजूर नहीं खाना चाहिए, ये पचने में भारी होते है, इन दिनों में सर्दियों का जमा हुआ कफ पिघलता है और जठराग्नि कम करता है. इसलिए इन दिनों में हल्का भोजन करें, धाणी और चना खाएं, जिससे जमा हुआ कफ निकल जाये।
इन दिनों में पलाश/केसुडे/गेंदे के फूलों के रंग से होली खेलने से शरीर के ७ धातु संतुलन में रहते हैं, इनसे होली खेलने से चमड़ी पर एक layer बन जाती है जो धूप की तीखी किरणों से रक्षा करती है।
होली के बाद खान-पान में सावधानी
होली के बाद नीम की २० से २५ कोमल पते २-३ काली मिर्च के साथ खूब चबा-चबाकर खानी चाहिये । यह प्रयोग २०-२५ दिन करने से वर्ष भर चर्म रोग , रक्त विकार और ज्वर आदि रोगों से रक्षा होती है तथा रोग प्रतिकारक शक्ति बनी रहती है । इसके अलावा कड़वे नीम के फूलों का रस सप्ताह या १५ दिन तक पीने से भी त्वचा रोग व मलेरिया से बचाव होता है । सप्ताह भर या १५ दिन तक बिना नमक का भोजन करने से आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।