*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 10:29 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग - वृद्धि शाम 06:05 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*⛅राहु काल - सुबह 08:23 से 09:45 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:02*
*⛅सूर्यास्त - 05:53*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:17 से 06:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:54 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌹 श्रीमद् भगवद्गीता माहात्म्य 🌹*
*🌹 जहाँ श्री गीता का विचार, पठन, पाठन तथा श्रवण होता है वहाँ हे पृथ्वी ! मैं अवश्य निवास करता हूँ ।*
*🌹 जो मनुष्य स्थिर मन वाला होकर नित्य श्री गीता के 18 अध्यायों का जप-पाठ करता है वह ज्ञानस्थ सिद्धि को प्राप्त होता है और फिर परम पद को पाता है ।*
*🌹 संपूर्ण पाठ करने में असमर्थ हो तो आधा पाठ करे, तो भी गाय के दान से होने वाले पुण्य को प्राप्त करता है, इसमें सन्देह नहीं ।*
*🌹 तीसरे भाग का पाठ करे तो गंगास्नान का फल प्राप्त करता है और छठवें भाग का पाठ करे तो सोमयाग का फल पाता है ।*
*🔹सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए🔹*
*🔹तुलसी की अथवा गाय की ९ बार प्रदक्षिणा करने से व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है । ऐसे ही ॐकार जप से सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवत प्रीति भी बढ़ती है । तुलसी और गौ का आभा मंडल ३ मीटर की दूरी तक फैला होता है । वैज्ञानिक लेमों मूर्ति ने कहा है कि गौ, तुलसी, पीपल, सफेद आंकड़ा, गोबर ये घनात्मक ऊर्जा देते हैं ।*
*🔹पौष्टिक एवं बलवर्धक मूँगफली🔹*
*🔹मूँगफली मधुर, स्निग्ध, पौष्टिक व बलवर्धक । इसका तेल वात-कफशामक, घाव को भरनेवाला, कांतिवर्धक, पौष्टिक, मधुमेह (diabetes) में लाभकारी, आँतों के लिए बलकारक तथा खाने में तिल के तेल के समान गुणकारी होता है ।*
*🔹मूँगफली में मौजूद पोषक तत्त्व शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं । इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, रेशे (fibres), प्रोटीन, कैल्शियम, लौह, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, ताँबा, मैंगनीज एवं विटामिन बी-१, बी-२, बी-६, ई आदि तत्त्व पाये जाते हैं ।*
*🔹मूँगफली के नियमित सेवन से स्मृतिशक्ति की वृद्धि होती है । इसका सेवन समझना, याद रखना, सोचना, वैचारिक शक्ति आदि बौद्धिक क्षमताएँ विकसित करने में सहायक है । मधुमेह-नियंत्रण में मूँगफली और बादाम बराबरी से सहायरूप होते हैं ।*
*🔹कच्ची मूँगफली दुग्धवर्धक होती है । जिन माताओं को अपने बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता हो वे यदि कच्ची मूँगफली को पानी में भिगोकर सेवन करती हैं तो दूध खुल के उतरने लगता है ।*
*🔹मूँगफली है शक्तिवर्धक आहार🔹*
*🔹मूँगफली का सेवन शरीर को शक्ति प्रदान करता है । बच्चों को यदि प्रतिदिन २०-२५ ग्राम मूँगफली खिला दी जाय तो उन्हें पोषक आहार की कमी का अनुभव नहीं होगा । बच्चों के विकास के लिए मूँगफली, चने, मूँग आदि प्रोटीनयुक्त आहार उचित मात्रा में खिलाने चाहिए । इन्हें रात में भिगोकर सुबह बच्चों की पाचनशक्ति के अनुसार देना चाहिए । पाचनशक्ति कमजोर होने पर इन्हें उबालकर भी खाया जा सकता है । इनके सेवन से कमजोरी दूर होती है एवं शरीर में शक्ति- संचय होता है। ये अधिक श्रम एवं व्यायाम करनेवालों के लिए विशेष लाभदायी हैं ।*
*🔹 ध्यान दें : मूँगफली का सेवन अधिक मात्रा में न करें तथा मूँगफली खाने के तुरंत बाद पानी न पियें । इसे चबा-चबाकर, सेंक के अथवा पानी में भिगो के खाने से यह सुपाच्य हो जाती है, उसकी गर्म तासीर भी कम हो जाती है । मूँगफली के तेल के जो गुण इस लेख में दिये गये हैं वे कच्ची घानी के तेल के हैं, न कि रिफाइंड तेल के । रिफाइंड तेल यहाँ दिये गये गुणों से विपरीत गुणोंवाला होता है ।*