*⛅नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 02:20 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग - हर्षण रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात वज्र*
*⛅राहु काल - शाम 05:39 से 07:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:19*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए🔹*
*🔸28 मई 2023 रविवार को शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है ।*
*🔸अगर काम धंधा करते समय सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को निम्न मंत्र बोलते हुए अर्पण करें ।*
*मंत्र :- "ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः ।" और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है । गुरु मंत्र का जप करें और कभी कभी ये प्रयोग करें ।*
*🌹 सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढ़ोत्तरी के लिए*
*🌹 जेष्ट मास में सुहागन देवियों के लिए "उमा ब्रह्मणि व्रत" करने का विधान है । भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल नवमी (29 मई 2023) को हो सके तो आसपास कन्याएं - बेटियां छोटी - छोटी हो तो उनको दूध और चावल की खीर का भोजन करायें । खुद भी खायें और माँ पार्वती के नाम का थोड़ा जप कर दें ये मंत्र बोल कर ।*
*🌹 ॐ पार्वत्यै नमः*
*🌹 ॐ शंकरप्रियायै नमः*
*🌹 ॐ गौरियै नमः*
*🌹 ॐ उमायै नमः*
*🌹ये बोल कर माँ पार्वती को प्रणाम करें तो उस सुहागन देवी के घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढ़ोत्तरी होती है ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*