*⛅नक्षत्र - मृगशिरा शाम 05:32 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*⛅योग - सौभाग्य रात्रि 11:36 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - शाम 03:49 से 05:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:36*
*⛅सूर्यास्त - 06:53*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:03 से 05:50 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 चैत्र नवरात्रि 🌹*
*🌹 श्रीमद्देवीभागवत महापुराण में कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बताया है, जिसे नवरात्रि में नवमी या अष्टमी को अपनाकर आप भी सुख, समृद्धि और शांति पा सकते हैं । साथ ही बुरी नजर से लेकर कलह जैसी बाकी समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं ।*
*🔹समृद्धि के लिए🔹*
*🔸माता के मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने एक पान के पत्ते पर केसर में इत्र व घी मिलाकर स्वस्तिक बनाएं । अब उस पर कलावा लपेटकर एक सुपारी रखें ।*
*🔹पैसों की तंगी के लिए🔹*
*🔸नवमी तिथि या अष्टमी तिथि को माता का ध्यान कर घर के मंदिर में गाय के गोबर के उपले पर पान, लौंग, कर्पूर, व इलायची गूगल के साथ ही कुछ मीठा डालकर माता को धुनी (हवन) दें ।*
*🔹रुकावटें दूर करने के लिए🔹*
*🔸माता के मंदिर में पान बीड़ा चढ़ाएं, इस पान में कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी के साथ ही लौंग का जोड़ा रखें । सुपारी व चूना न डालें ।*
*🔹बुरी नजर के लिए🔹*
*🔸माता के मंदिर में पान रखकर नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की 7 पंखुड़ियां रखकर खिलाएं । नजर दोष दूर होगा ।*
*🔹आकर्षण शक्ति बढ़ाने के लिए🔹*
*🔸पान के पत्ते की जड़ को माता भुनेश्वरी का ध्यान करते हुए घिसकर तिलक लगाएं ऐसा करने से आपकी आकर्षण शक्ति बढ़ने लगेगी ।*
*🔹पति पत्नी में अनबन हो तो🔹*
*🔸नवमी की रात चंदन और केसर पाउडर मिलाकर पान के पत्ते पर रखें । फिर दुर्गा माताजी की फोटो के सामने बैठ कर चंडी स्तोत्र का पाठ करें । रोजाना इस पाउडर का तिलक लगाएं ।*
*🔹काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए🔹*
*🔸अगर काम धंधा करते हैं और सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बेल के कोमल - कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को मंत्र (ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः ।।) बोलते हुए अर्पण करें । थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है, काम धंधे में सफलता मिलती है ।*
*- देवी भागवत (भगवान वेद व्यासजी)*
*🌹 चैत्र नवरात्रि 🌹*
*🌹 महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि । नवरात्रि के सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है । मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए । इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं । मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है । जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है । शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।*
*🌹 नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं । इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है ।*
*🔸धनिये का पानक🔸*
*🔹हरे धनिये की पत्तियों को पीसकर रस निकाल के छान लें । इसमें आवश्कतानुसार मिश्री व पानी मिला के इसे मिट्टी के पात्र में आधा से पौना घंटा रखें । तत्पश्चात जरूरत के अनुसार सेवन करें । यह पानक पित्तप्रकोपजन्य बीमारियों में अत्यंत लाभदायी है ।*