*⛅तिथि - द्वितीया 28 जनवरी प्रातः 03:36 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - अश्लेषा दोपहर 01:01 तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग - आयुष्मान् सुबह 08:09 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - सुबह 10:07 से 11:30 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21*
*⛅सूर्यास्त - 06:23*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:29 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:26 से 01:18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
पढ़ाई में आगे बढ़े विद्यार्थी, ऐसे...
सभी विद्यार्थी पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहते हैं किंतु अनेक विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो मेहनत तो बहुत करते हैं परंतु उनको सफलता नहीं मिलती । यहाँ पर कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिनके द्वारा विद्यार्थी सफलता के शिखरों को छू सकते हैं :
(१) आगे रहो । यानी कक्षा में आगे बैठने, शिक्षक की नजरों में रहने से शिक्षक द्वारा बतायी जा रहीं बातों पर ध्यान रहता है और आपसी बातचीत व चंचलता से भी बचे रहते हैं । सभी आगे नहीं बैठ सकते किंतु आगे बढ़ने का दृढ संकल्प तो सभी कर सकते हैं ।*
(२) पहले पढ़ के जाना । जो पाठ पढ़ाया जाना है उस विषय को विद्यार्थी पहले ही थोड़ा पढ़ के जायें तो कक्षा में वह जल्दी समझ आ जाता है ।*
(३) सूत्रात्मक ढंग से याद करें । महत्त्वपूर्ण अथवा जटिल विषय को बिंदुओं के रूप में (पॉईंट वाइज) याद करने से वह जल्दी याद होता है और लम्बे समय तक स्मृति में रहता है । इस प्रकार लिखने से शिक्षक भी अच्छे अंक देते हैं ।*
(४) समझने व ज्ञान के लिए पढ़ें। किसी बात को समझकर उसके बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए पढ़ें, रट्टा लगाकर नहीं । समझकर याद किया हुआ लम्बे समय तक याद रहता है ।*
(५) कठिन विषयों को रिकॉर्ड करके सुनें । जो प्रसंग, विषय कठिन लगे उनको अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके ध्यान से सुनने से भी जल्दी याद हो जाता है ।*
(६) अनजानी बातों को जानी बातों से जोड़कर याद करना । यह भी याद रखने का सुंदर तरीका है ।*
(७) सार ग्रहण । विषय के मूल सिद्धांत को या सार बात को ध्यान में रखें ।*
(८) ) प्रश्न करें । जो पाठ याद किया है उसके बारे में स्वयं अलग-अलग ढंग से कई प्रश्न बनायें, इससे पाठ सहज में याद रह जाता है ।*
(९) लेखन की गति तेज व अक्षरों की बनावट अच्छी हो । इसके लिए लिखने का अभ्यास न छोड़ें । साथ ही पढ़ने की गलि भी बढ़ायें ।*
(१०) कठिन लगनेवाले विषय की पुस्तक स्वच्छ कपड़े में लपेटकर तकिये के नीचे रखकर सोयें । इससे भी लाभ होता है ।*
*(क) रात को ७ से ९ के बीच पढ़ाई पूरी करके जल्दी सो जाना और सुबह सूर्योदय से पहले उठना ।*
*(ख) पढ़ाई के लिए बैठने से पहले अपने सद्गुरुदेव तथा विद्या की देवी माँ सरस्वतीजी को प्रणाम करना, प्रार्थना करना ।*
*(ग) प्रतिदिन कुछ समय आज्ञाचक्र पर ध्यान करना ।*
*(घ) नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम, सारस्वत्य मंत्र का जप करना व सूर्य को अर्घ्य देना ।*
*(ङ) रोज ॐ, दीपक या गुरुदेव के श्रीचित्र पर १०-१५ मिनट त्राटक करना ।*
*(च) पढ़ते समय जीभ तालू में लगाकर रखना । जिह्वा तालू में लगा के पढ़ें, फिर किताब हटाकर याद करें । यह अति प्रभावशाली तरीका है ।*
उपरोक्त बातों को जीवन में लाने से एकाग्रता बढ़ती है, चंचलता दूर होती है और विद्यार्थी पढ़ाई में तो सफल होता ही है, साथ ही ओजस्वी-तेजस्वी होकर परमात्मा को भी पा सकता है । परमात्मा को पाकर २१ पीढ़ियों को तार सकता है व नाम रोशन कर सकता है ।*
शनिवार के दिन विशेष प्रयोग
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।