रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के इलाके दोन्तेस्क में रविवार को बमबारी में 25 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- 20 लोग घायल हुए हैं और इनमें से ज्यादातर की हालत काफी गंभीर है।
रूस के एक अफसर ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन की सेना ने आम लोगों को निशाना बनाया। ज्यादातर लोग उस वक्त अपने काम पर जा रहे थे। इस इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग किसान या फैक्ट्री मजदूर हैं। यूक्रेन ने अब तक कुछ नहीं कहा है।
फायरिंग या बमबारी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूक्रेन की सेना ने मशीनगन से फायरिंग की। दूसरी तरफ, लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सुबह करीब 10 बजे इस इलाके में यूक्रेन की एयरफोर्स ने बमबारी की।
रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा- दोन्तेस्क पर हमला एक तरह से हमारे इलाके पर हमला है और हम इसका जवाब देंगे। हम अब तक जिस मसले को डिप्लोमैटिक तरीके से सुलझाना चाहते थे, वो अब जंग का मुद्दा बनता जा रहा है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूक्रेन के ड्रोन्स ने रविवार को ही रूस के एक कैमिकल प्लांट पर हमला किया। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस प्लांट में कितना नुकसान हुआ।
रूस के सैनिकों को रहस्यमयी बीमारी
यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी सैनिकों में एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। इसके चलते सैनिकों की आंखें लाल हो रही और वो उल्टियां कर रहे हैं। उनकी किडनी भी फेल हो रही है।
यूक्रेन का कहना है कि यह बीमारी चूहों से फैल रही है। यूक्रेनी खुफिया विभाग ने इस बीमारी को रैट-बाइट फीवर या माउस-बाइट फीवर नाम दिया है। इससे रूसी सैनिकों की लड़ने की क्षमता में गिरावट देखी जा रही है।
यूक्रेन इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट ने कहा- चूहों के संपर्क में आने से रूसी सैनिकों में इन्फेक्शन फैल रहा है। इस वजह से उन्हें पीठ दर्द, सिर दर्द, रैश भी हो रहा है। शुरुआत में यह आम फ्लू की तरह लगता है। लेकिन धीरे-धीरे यह शरीर के अंगों जैसे- किडनी को डैमेज करने लगता है।
यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैनिकों ने बीमारी को लेकर अपने कमांडरों से शिकायत की। लेकिन कमांडर शिकायतों को अनसुना करते हुए सैनिकों को जंग के मैदान में भेज रहे हैं। कमांडरों का मानना है कि सैनिक अब लड़ना नहीं चाहते इसलिए बहाने बना रहे हैं।
बीमारी ऐसे समय फैल रही है जब ठंड की वजह से सैनिक कई परेशानियों का सामने कर रहे हैं। 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूसी सैनिकों को दवाएं, फर्स्ट एड, अन्य मेडिकल सुविधाएं, गर्म कपड़े नहीं मिल रहे हैं। यूक्रेन में तापमान माइनस 5 सेलसियस तक पहुंच गया है।
24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था
रूस ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को हमला किया था। इसके पीछे व्लादिमिर पुतिन का मकसद एक ही था- यूक्रेन पर कब्जा। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को यह मंजूर नहीं था, लिहाजा करीब 20 महीने बाद भी यह जंग जारी है।
इस जंग में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ। इन्फ्रास्ट्रक्चर और मिलिट्री इक्विपमेंट्स तबाह हुए। पुख्ता आंकड़े तो नहीं हैं, लेकिन माना जाता है कि इस जंग में दोनों तरफ के हजारों लोग और सैनिक मारे जा चुके हैं।