मङ्गलवार, आश्विन शुक्ल दशमी तिथि, सूर्योदय : प्रातः 6:32, सूर्यास्त : सायं 5:52 बजे,आश्विन शुक्ल दशमी तिथि मध्याह्न 12:20:30 बजे तक, पश्चात् एकादशी तिथि* नक्षत्र : धनिष्ठा नक्षत्र मध्याह्न 1:48:15 बजे तक, पश्चात् शतभिषा नक्षत्र, योग : गण्ड योग मध्याह्न 2:59:30 बजे तक, पश्चात् वृद्धि योग,दिशाशूल - उत्तर दिशा में, अयन : दक्षिणायन,ऋतु : हेमन्त ऋतु l
आज राष्ट्रीय सौर तिथि 2 कार्तिक (ऊर्ज मास) 1945, युगाब्द 5125 है।*
आज है। आज धनिष्ठा नक्षत्र, "नल" नाम संवत् 2080 है।
👉 *आज विजयादशमी (दशहरा) है।
👉 आज प्रातःकाल देवी मूर्ति का विसर्जन।
👉 आज अपराजिता, अश्मन्तक (कोविदार या कचनार) तथा शमी वृक्ष और शस्त्र पूजा का विधान है।
👉 आज के दिन सन्ध्या के समय नीलकण्ठ पक्षी के दर्शन करने का विशेष महत्त्व है।
👉 आज के दिन भगवान राम ने *विजय मुहूर्त्त* में लंका पर चढ़ाई की थी। इसीलिए आज का दिन *विजयादशमी* कहलाता है।
👉 *"अथ विजय दशम्यामाश्विने शुक्लपक्षे दशमुखनिधनाय प्रस्थितो रामचन्द्र:"*
(हनुमन्नाटक 7/2)
अर्थात् आश्विन शुक्ल पक्ष की विजयादशमी तिथि को दशमुख रावण - वध के लिए रामचन्द्रजी ने प्रस्थान किया था।
👉 आज के दिन ऐसे ग्रह - नक्षत्र का संयोग होता है, जिससे विजय यात्रा का श्रीगणेश करने पर विजय - यात्री को जय की प्राप्ति होती है। इसलिए सहस्र शताब्दियों से इस तिथि में राजागण अपने राज्यों की सीमा का विस्तार करते रहे हैं।
👉 *आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये।*
*स कालो विजयो नाम सर्वकार्यार्थ साधक:।।*
👉 राजस्थान आदि कुछ प्रदेशों में परम्परा अनुसार इस दिन घरों में भी गेरू से दशहरा मॉंडकर जल, रोली और चावल से पूजा की जाती है। पूजन में चावल, मूली तथा गुबारफली चढ़ाई जाती है। गोबर की दो हॉंडी में रुपया, फल, रोली एवं चावल रखा जाता है।