⛅दिन - शुक्रवार ⛅विक्रम संवत् - 2079 ⛅शक संवत् - 1944 ⛅अयन - उत्तरायण ⛅ऋतु - वसंत ⛅मास - फाल्गुन ⛅पक्ष - शुक्ल ⛅तिथि - पंचमी रात्रि 12:31 तक तत्पश्चात षष्ठी ⛅नक्षत्र - रेवती 24 फरवरी प्रातः 03:44 तक तत्पश्चात अश्विनी ⛅योग - शुक्ल शाम 06:48 तक तत्पश्चात ब्रह्म ⛅राहु काल - सुबह 11:26 से 12:53 तक ⛅सूर्योदय - 07:06 ⛅सूर्यास्त - 06:40 ⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में ⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:16 तक ⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:17 तक ⛅व्रत पर्व विवरण - ⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹भोजन हेतु कैसे पात्रों का उपयोग हो ?🔹
👉 भोजन बनाने व खाने हेतु एल्यूमीनियम और प्लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से भोजन में हानिकारक रासायनिक पदार्थ मिश्रित हो जाते हैं । एल्यूमीनियम के बर्तनों में पकाया गया विटामिन्सयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी अपने गुण खो बैठता है । विशेषज्ञों का मानना है कि एल्यूमीनियम की विषाक्तता के कारण आँतों में जलन होने लगती है तथा आँतों का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है । एल्यूमीनियम के बर्तनों में भोजन बनाना हानिकारक है ।
👉 अतः भोजन बनाने व जाने हेतु उपरोक्त बर्तनों की अपेक्षा देशी मिट्टी (चीनी मिट्टी आदि नहीं), काँच, स्टील या कलई किये हुए पीतल के बर्तनों का प्रयोग हितकारी है ।
👉 केला, पलाश अथवा बड़ के पत्ते रूचि उत्पन्न करने वाले तथा विषदोष नाशक और जठराग्निवर्धक होते हैं अतः भोजन करने के लिए इनकी पत्तलों का उपयोग भी हितावह है ।
👉 खाद्य पदार्थों को फ्रिज अथवा कोल्ड स्टोरेज में रखने से उनका प्राकृतिक स्वरूप बदल जाता है और पौष्टिक तत्त्वों में कमी आ जाती है ।
👉 भोजन में संयम व सावधानी रखने से तथा उपरोक्त नियमों का पालन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ एवं निरोगी रख सकते हैं तथा मन की प्रसन्नता पा सकते हैं ।
🔹दुकान में उन्नति🔹
🔹सुबह दुकान खोलने पर थोड़ी कपूर जला कर आरती कर लें और जहाँ दुकान के मालिक बैठते हों वहां, जिधर से ग्राहक आते हों उधर भी आरती कर लें । इससे दुकान में उन्नति होगी ।
🔸पढने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो... 🔸जिन बच्चों का पढाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :
🔸१ ग्राम कपूर और मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें । अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें ।
🔹सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु🔹 🔹सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है ।