*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 12:26 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - सिद्धि प्रातः 05:41 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅ करण - बालव सुबह 8.36 तक तत्पश्चात कौलव*
*⛅राहु काल - सुबह 08:33 से 09:53 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:56*
*⛅सूर्यास्त - 05:48*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:17 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग, नेताजी सुबाषचन्द्र बोस जयंती (दि.अ.), चन्द्र-दर्शन (शाम 06:21 से 08:03 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है ।*
*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹व्यतिपात योग : 23 जनवरी 2023🔹*
*🔸पुण्यकाल : सुबह 05:42 से रात्रि 01:28 तक*
*🔸व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । - वराह पुराण*
*🌹 कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु 🌹*
*🌹 जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*🔹अमृतफल आँवला🔹*
*🔹आँवला धातुवर्धक श्रेष्ठ रसायन द्रव्य है । इसके नित्य सेवन से शरीर में तेज, ओज, शक्ति, स्फूर्ति तथा वीर्य की वृद्धि होती है । यह टूटी हुई अस्थियों को जोड़ने में सहायक है तथा दाँतों को मजबूती प्रदान करता है । इसके सेवन से आयु, स्मृति व बल बढ़ता है । ह्रदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है । बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होते हैं ।*
*🔸ताजे आँवले के रस में नारंगी के रस की अपेक्षा २० गुना अधिक विटामिन ‘सी’ होता है । हृदय की तीव्र गति अथवा दुर्बलता, रक्त-संचार में रुकावट आदि विकारों में आँवले के सेवन से लाभ होता है । आँवले के सेवन से त्वचा का रंग निखर आता है व कांति बढ़ती है ।*
*🔸वर्षभर किसी-न-किसी रूप में आँवले का सेवन अवस्य करना चाहिए । यह वर्षभर निरोगता व स्वास्थ्य प्रदान करनेवाली दिव्य औषधि है ।*
*🔸कर्ज से मुक्ति हेतु🔸*
*🔸शुक्ल पक्ष हो किसी भी मास का, शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को शिवलिंग पर दूध व जल के बाद मसूर की दाल अर्पण करते हुये ये मंत्र बोलें :-*