*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार🔹*
*🔹नारियल
पानी :- नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान
करनेवाला है । यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतू की उष्णता से सुरक्षा करता
है । अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी हैं ।*
*🔸लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप करने से लाभ होता है ।*
*🔸प्रतिदिन
नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य
की तेजी से वृद्धि होती है । ( अष्टमी को नारियल न खायें । )*
*🔸मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।*
*🔹खीरा : - खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।*
*अत:
इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता हैं । यह मूत्र
की जलन शांत करता है एवं यकृत ( लीवर ) के लिए भी हितकारी है । खीरा भूख
बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता हैं ।*
*🔸
अधिक पढने – लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में
थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता
है तथा थकावट दूर होती है ।*
*🔸नींबू और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।*
*🔹तरबूज
: ग्रीष्म ऋतू में प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन
से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।*
*👉 तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।*
*👉 गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।*
*👉 तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।*
*👉 धनिया : - धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।*
*👉
१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में १
गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह
गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया
पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी
के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।*
*🔹 सोमवार विशेष 🔹*
*🔸कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*
*🔸जो
व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा
सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार
को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५
परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को
उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*🔸सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।*
*🔸सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।*