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22 दिसम्बर 2020

Updated on 22-12-2020 12:27 PM
दिन - मंगलवार              मास - मार्गशीर्ष
विक्रम संवत - 2077    शक संवत - 1942
अयन - दक्षिणायन         ऋतु - शिशिर
पक्ष - शुक्ल            दिशाशूल - उत्तर दिशा में
तिथि - अष्टमी शाम 06:14 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद 23 दिसम्बर रात्रि 01:38 तक तत्पश्चात रेवती
योग - व्यतिपात दोपहर 12:11 तक तत्पश्चात वरीयान्
राहुकाल - शाम 03:20 से शाम 04:42 तक
सूर्योदय - 07:13          सूर्यास्त - 18:01
व्रत पर्व विवरण - 
विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
उम्र बढाने हेतु 
स्कन्द पुराण में आया है कि भोजन करते समय ५ अंग धोकर जो भोजन करता है उसकी उम्र 100 साल की होती है ... उसकी आयु बढ़ती है 5 अंग ...2 हाथ ....2 पैर... और मुंह धोकर भोजन करने बैठें ।
तुलसी महिमा
25 दिसम्बर 2020 शुक्रवार को तुलसी पूजन दिवस है ।
तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है | 
प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |
ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |
तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है I
श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है I
जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |
तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |
तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |
तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और 10 गोदान का फल प्राप्त होता हैI 
घर में सुख-शांति के लिए 
घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के 108 परिक्रमा करें  | 
तुलसी मंत्र 
तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें I
महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी 
आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते
इस मंत्र का अर्थ है -
हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है |

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