⛅ तिथि -आज चैत्र शुक्ल दशमी तिथि है, दशमी रात्रि 11:35 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ नक्षत्र - अश्लेशा सुबह तक 08:15 तत्पश्चात मघा
⛅ योग - गण्ड शाम 05:02 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:13 से शाम 03:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 18:59
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - धर्मराज दशमी
एकादशी व्रत के लाभ
➡ 22 अप्रैल 2021 गुरुवार को रात्रि 11:36 से 23 अप्रैल, शुक्रवार को रात्रि 09:47 तक एकादशी है ।
विशेष - 23 अप्रैल, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास रखे
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्ति होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
एकादशी के दिन करने योग्य
एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l