*⛅मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:28 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - रेवती सुबह 07:39 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग - आयुष्मान रात्रि 09:18 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:36 से 02:16 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:58*
*⛅सूर्यास्त - 07:14*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:15 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:57 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*आज बुधवार, ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी तिथि है।*
*आज रेवती नक्षत्र, "नल" नाम संवत् 2080 है।*
👉 *आज प्रदोष व्रत है।*
👉 आज प्रातः 7:34 बजे *पञ्चक* पूर्ण होंगे।
👉 भगवान श्रीकृष्ण ने बाल लीला करते हुए *ब्रज के 5 स्थानों पर गङ्गा को प्रकट किया था।*
👉 कृष्ण गङ्गा *मथुरा* में, मानसी गङ्गा *गोवर्धन* में, अलख गंगा *आदिबदरी - काम्यवन* में, चरण गङ्गा *नन्दगॉंव* में तथा पाडल या पारल गङ्गा *कोकिलावन* में स्थित है।
👉 मथुरा में सोमतीर्थ तथा वैकुण्ठतीर्थ के मध्य *कृष्ण गङ्गा* तीर्थ स्थित है।
👉 यहॉं सरस्वती नदी पहले इसी स्थान पर यमुना में मिलती थी। कंस को मारने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने यही पर *विश्राम* किया था। इस कारण यह स्थान अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।
👉 वृषभासुर वध के पश्चात राधा सहित ब्रज गोपियों ने कृष्ण को *वृषभ हत्या* का प्रायश्चित्त करने के लिए कहा। तब भगवान श्रीकृष्ण ने वृषभ हत्या से मुक्त होने के लिए अपने *मन* से *मानसी गङ्गा* को प्रकट किया था।
👉 मानसी गङ्गा की महिमा अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान श्रीकृष्ण के *मन* से उत्पन्न हुई है, जबकि गङ्गाजी भगवान के चरणों से उत्पन्न हुई है।
👉 वर्तमान में भी प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुकुट से *दूध की धारा* निकलकर मानसी गङ्गा के मध्य से होती हुई अन्तिम छोर तक जाती है, जो कई घण्टों तक साधारण मनुष्य को भी दिखाई देती है।
👉 इस *चमत्कार - पूर्ण घटना* के अनेक वृद्ध वैष्णवजन साक्षी हैं।
👉 इस प्रकार मानसी गङ्गा *दुग्धमयी* है, पवित्र है तथा समस्त पापों का क्षय करने वाली है।
👉 *ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी रात्रि 10:01 बजे तक, पश्चात् चतुर्दशी तिथि*
👉 *आज राष्ट्रीय सौर तिथि 27 वैशाख (माधवमास) 1945, युगाब्द 5125 है।*
*🌹 हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी ।🌹1) *ॐ शिवाय नमः*
🌹2) *ॐ सर्वात्मने नमः*
🌹3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः*
🌹4) *ॐ हराय नमः*
🌹5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः*
🌹6) *ॐ श्रीकंठाय नमः*
🌹7) *ॐ सद्योजाताय नमः*
🌹8) *ॐ वामदेवाय नमः*
🌹9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:*
🌹10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः*
🌹11) *ॐ ईशानाय नमः*
🌹12) *ॐ अनंतधर्माय नमः*
🌹13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः*
🌹14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः*
🌹15) *ॐ प्रधानाय नमः*
🌹16) *ॐ व्योमात्मने नमः*
🌹17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:*
*🔹चेहरे की झुर्रियां व चमक बढ़ाने के लिए🔹*
*🔸चेहरे पर बुढ़ापे की झुर्रियां पड़ गयी हों तो कड़वे बादाम का तेल, सोने से पहले जरा चेहरे पर रगड़ दो तो बुढ़ापे की झुर्रियों में फायदा होता है ।*
*🔸सरसों के तेल में दही मिलाकर मलें तो भी चेहरे की झुर्रियां व चेहरे का सूखापन हट जायेगा ।*
*🔸आँख के नीचे झुर्रियां पड़ गयी हों तो दूध की ताजी मलाई वहां हलके-हलके मलने से झुर्रियां ठीक होने लगती हैं । अथवा शहद व नींबू का रस मलें ।*
*🔸नींबू का रस व ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर मलें तो चेहरे की चमक बढ़ेगी ।*
*🔹मेधावी व निरोगी संतान हेतु अनुभूत प्रयोग🔹*
*🔹गर्भवती महिला रोज श्रद्धापूर्वक गाय का पूजन कर उसकी कम-से-कम एक परिक्रमा करे, उसे अपने हाथ से रोटी तथा गुड़ खिलाये और सुबह-शाम गोदुग्ध का पान करे तो निश्चित ही आनेवाली संतान फुर्तीली, सशक्त, मेधावी एवं निरोगी होगी और प्रसव भी सहज ढंग से होगा ।*
*🔸प्रसव-पीड़ा कम होगी । उपरोक्त लाभों के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन करना अनिवार्य है । प्रतिदिन सम्भव न हो तो जितने दिन सम्भव हो करे, तब भी लाभ होगा l*