पाकिस्तान में 17 लाख अफगानों संग रोहिंग्या मुस्लिमों जैसी क्रूरता, भड़का तालिबान, दे डाली धमकी
Updated on
02-11-2023 02:58 PM
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रह रहे 17 लाख अफगान शरणार्थियों के साथ म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिमों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। टीटीपी के आतंकी हमलों से बौखलाई पाकिस्तान की सरकार ने तालिबान सरकार से बदला लेने के लिए इन शरणार्थियों को 1 नवंबर तक देश छोड़कर चले जाने के लिए कहा था। अब इनमें से 143,135 अफगानों को जबरन पाकिस्तान सरकार ने वापस अफगानिस्तान भेज दिया है। वहीं बाकी बचे अफगान लोगों के खिलाफ भी पूरे पाकिस्तान में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है। उनके घरों को तोड़ा जा रहा है ताकि अफगानों को जाने के लिए मजबूर किया जा सके। पाकिस्तान के इस क्रूर व्यवहार पर तालिबान सरकार भड़क उठी है और उसने धमकी तक दे डाली है।
पाकिस्तान के इस कदम पर संयुक्त राष्ट्र से लेकर पश्चिमी देशों ने भी काकर सरकार को फटकार लगाई है। वहीं तालिबान के डेप्यूटी पीएम ने वापस जा रहे अफगानों का स्वागत किया है। वहीं पाकिस्तान सरकार के इस ऐक्शन से तालिबान सरकार बुरी तरह से हिल गई है। अफगानिस्तान के पास इतना पैसा नहीं है कि वह लाखों की तादाद में अफगान शरणार्थियों के पेट को भर सके। पाकिस्तान में ये अफगानी ज्यादा बेहतर तरीके से रहे रहे थे लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें बेघर कर दिया है।
तालिबान ने पाकिस्तान की सरकार को दी धमकी
पाकिस्तान में अफगानिस्तान के दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंध और ज्यादा खराब होंगे। उसने कहा कि पाकिस्तान की सरकार शरणार्थी का दर्जा रखने वाले अफगान लोगों को जबरन वापस भेज रही है। वह भी तब जब इन अफगानों के पास वैध शरणार्थी दस्तावेज है। यही नहीं पाकिस्तान की सरकार ने इन शरणार्थियों के अफगानिस्तान वापस जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्हें कई दिनों तक सीमा पर रुकना पड़ रहा है। अफगानों की पाकिस्तान में संपत्ति पर भी पाकिस्तानी सरकार ने कुछ नहीं किया है। अफगान दूतावास ने पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा कि वह अफगानों को निकालने के अपने फैसले को वापस ले।
तालिबानी दूतावास ने कहा कि यह फैसला अफगानों पर छोड़ दे कि वे पाकिस्तान में रहते हैं या अफगानिस्तान में। वहीं पाकिस्तान ने कहा कि वह अपनी नीति को नहीं बदलने जा रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान ने टीटीपी के खूनी हमलों के बाद तालिबान के प्रति अपनी नीति को बदल लिया है। पाकिस्तान को लगता है कि तालिबान टीटीपी आतंकियों को शरण देता है। पाकिस्तान ने कहा है कि हम कोई मदद अब तालिबान की नहीं करने जा रहे हैं। पाकिस्तान ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि इन लाखों लोगों को रोजगार और घर देने में तालिबान की सरकार के पसीने छूट जाए।
पाकिस्तान ने क्यों उठाया यह कदम ?
पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस मास्टरस्ट्रोक से तालिबान की सरकार घुटनों पर आ जाएगी और वह टीटीपी के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। यही वजह है कि तालिबान की सरकार अब पाकिस्तान को धमकी दे रही है। पाकिस्तान जिन अफगानों को देश से निकाल रही है, उनमें से कई दशकों से वहां रहे हैं और कई का तो जन्म ही पाकिस्तान में हुआ है। पाकिस्तान सरकार क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उनके घरों पर बुलडोजर चला रही है। उन्हें पकड़कर हिरासत गृहों में रखा जा रहा है।
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