सूर्योदयः- प्रातः 05:13:00, विक्रम संवतः- 2079 शक संवतः- 1944 आयनः- उत्तरायण ऋतुः-ग्रीष्म ऋतु मासः-अषाढ़ माह पक्षः-कृष्ण पक्ष
तिथिः- तृतीया तिथि 09:56:00 तक तदोपरान्त चतुर्थी तिथि तिथि स्वामीः- तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती शिव जी हैं तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं। नक्षत्रः- उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र 09:10:00 तक तदोपरान्त श्रवण नक्षत्र नक्षत्र स्वामीः-उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं तथा श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्र है।
योगः- इंद्र 17:17:00 तक तदोपरान्त वैधृति
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 07:07:00 से 08:52:00 बजे तक दिशाशूलः- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खाकर निकलें। राहुकालः- आज का राहुकाल 10:37:00A.M बजे से 12:21:00P.M तक तिथि का महत्वः- तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए और इस तिथि में शिल्प, चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश शुभ है। “हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी,योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वाले पाठक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।
विशेषः- आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं ।