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15 जनवरी 2023

Updated on 15-01-2023 02:11 PM
दिन - रविवार
*⛅विक्रम संवत् - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में पौष)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी शाम 07:45 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - चित्रा शाम 07:12 तक तत्पश्चात स्वाती*
*🌥️ करण - बालव सुबह 7.43 तक  तत्पश्चात कौलव*
*⛅योग - सुकर्मा सुबह 11:51 तक तत्पश्चात धृति*
*⛅राहु काल - शाम 04:54 से 06:15 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:23*
*⛅सूर्यास्त - 06:15*
*⛅चंद्रोदय - रात्रि 12:35*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:15 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मकर संक्रांति, उत्तरायण प्रारम्भ, पोंगल*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹 क्या करे मकर संक्रांति को.. ? 🌹*

*🌹 मकर संक्रांति - 15 जनवरी 2023*

*🔸पुण्यकालः सूर्योदय से सूर्यास्त तक*

*🌹 मकर संक्रांति या उत्तरायण दान-पुण्य का पर्व है । इस दिन किया गया दान-पुण्य, जप-तप अनंतगुना फल देता है ।*

*🌹 इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल के लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए । कई लोग रुपया-पैसा भी दान करते हैं ।*

*🌹 जो मकर संक्रांति में इन छह प्रकारों से तिलों का उपयोग करता है वह इहलोक और परलोक में वांछित फल पाता है – तिल का उबटन, तिलमिश्रित जल से स्‍नान, तिल-जल से अर्घ्य, तिल का होम, तिल का दान और तिलयुक्‍त भोजन । किंतु ध्‍यान रखें – रात्रि को तिल व उसके तेल से बनी वस्‍तुएं खाना वर्जित है ।‘’*

*🌹 उत्तरायण के दिन भगवान सूर्यनारायण के इन नामों का जप विशेष हितकारी है ।*

*ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः ।* 
*ॐ सूर्याय नमः । ॐ भानवे नमः ।*
*ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः ।*
*ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ॐ मरीचये नमः ।*
*ॐ आदित्याय नमः । ॐ सवित्रे नमः ।*
*ॐ अर्काय नमः ।  ॐ भास्कराय  नमः ।*
*ॐ सवितृ सूर्यनारायणाय नमः ।*

*🌹 ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नम:।  इस मंत्र से सूर्यनारायण की वंदना कर लेना, उनका चिंतन करके प्रणाम कर लेना । इससे सूर्यनारायण प्रसन्न होंगे, निरोगता देंगे और अनिष्ट से भी रक्षा करेंगे ।*

*🌹 यदि नदी तट पर जाना संभव नही है, तो अपने घर के स्नान घर में पूर्वाभिमुख होकर जल पात्र में तिल मिश्रित जल से स्नान करें । साथ ही समस्त पवित्र नदियों व तीर्थ का स्मरण करते हुए ब्रम्हा, विष्णु, रूद्र और भगवान भास्कर का ध्यान करें । साथ ही इस जन्म के पूर्व जन्म के ज्ञात अज्ञात मन, वचन, शब्द, काया आदि से उत्पन्न दोषों की निवृत्ति हेतु क्षमा याचना करते हुए सत्य धर्म के लिए निष्ठावान होकर सकारात्मक कर्म करने का संकल्प लें ।*

 *🌹 जो संक्रांति के दिन स्नान नही करता वह 7 जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है ।*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

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