Select Date:

14 मई 2021

Updated on 14-05-2021 11:53 AM
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत - 2078 (गुजरात - 2077)
⛅ शक संवत - 1943
⛅ अयन - उत्तरायण
⛅ ऋतु - ग्रीष्म 
⛅ मास - वैशाख
⛅ पक्ष - शुक्ल 
⛅ तिथि - तृतीया पूर्ण रात्रि तक
⛅ नक्षत्र - मॄगशिरा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - सुकर्मा 15 मई रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहुकाल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02 
⛅ सूर्यास्त - 19:07 
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि, अखा तीज, विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल दोपहर 12:35 से सूर्यास्त तक), तृतीया वृद्धि तिथि
आज शुक्रवार, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि है आज मृगशिरा नक्षत्र, "आनन्द" नाम संवत् 2078 है
आज भगवान परशुराम का प्रादुर्भाव हुआ था।
 आज देवी मातंगी अवतरण दिवस है
👉 अक्षय तृतीया के दिन कुबेर धनाध्यक्ष बनाए गए थे।
👉 अक्षय तृतीया के दिन से वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना प्रारम्भ की थी।
👉 इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से चावल मांगकर खाकर पाण्डवों को दुर्वासा ऋषि के शाप से बचाया था।
👉 इस दिन बद्रीनारायण धाम के पट खुलते हैं।
👉 वृन्दावन में इस दिन वर्ष में एक बार बिहारीजी के चरणों के दर्शन कराए जाते हैं।
👉 अक्षय तृतीया को त्रेतायुग आरम्भ हुआ था, इसलिए यह युगादि तिथि है।
 👉 वर्ष में सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु की अक्षत से पूजा होती है।
👉 अक्षय तृतीया वसंत और ग्रीष्म के सन्धि काल का महोत्सव है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन वर्ष भर का अनाज एकत्र कर रखने का मुहूर्त्त होता है।
👉 इस दिन सूर्य - चन्द्र दोनों उच्च राशि में रहते हैं।
👉 यह शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने का दिन है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन ईख रस, दही, चावल, दूध से बने व्यञ्जन, खरबूज, तरबूज, लड्डू, शीतल पेय, जल कलश, सत्तू आदि दान करने का दिन है।
👉 अक्षय तृतीया के दिन जो भी व्यक्ति अच्छा या बुरा कर्म करता है, उसका उसे अक्षय फल प्राप्त होता है।
 💥 विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌷 विष्णुपदी संक्रांति 🌷
➡ जप तिथि : 14 मई 2021 शुक्रवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )
पुण्य काल सुबह दोपहर 12:35 से सूर्यास्त तक |
🙏🏻 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)
🌷 अक्षय तृतीया 🌷
➡ 14 मई 2021 शुक्रवार को अक्षय तृतीया है । 
🙏🏻 'अक्षय' शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे 'अक्षय तृतीया' कहते हैं।
🌷 वैशाखे मासि राजेन्द्र! शुक्लपक्षे तृतीयिका। अक्षया सा तिथिः प्रोक्ता कृत्तिकारोहिणीयुता। तस्यां दानादिकं सर्व्वमक्षयं समुदाहृतमिति
🙏🏻 भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें। 
🙏🏻 भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व, अध्याय 21 के अनुसार
वैशाखे मासि राजेन्द्र तृतीया चन्दनस्य च। वारिणा तुष्यते वेधा मोदकैर्भीम एव हि ।।
दानात्तु चन्दनस्येह कञ्जजो नात्र संशयः। यात्वेषा कुरुशार्दूल वैशाखे मासि वै तिथिः।।
तृतीया साऽक्षया लोके गीर्वाणैरभिनन्दिता। आगतेयं महाबाहो भूरि चन्द्रं वसुव्रता।।
कलधौतं तथान्नं च घृतं चापि विशेषतः। यद्यद्दत्तं त्वक्षयं स्यात्तेनेयमक्षया स्मृता।।
यत्किञ्चिद्दीयते दानं स्वल्पं वा यदि वा बहु। तत्सर्वमक्षयं स्याद्वै तेनेयमक्षया स्मृता।।
योऽस्यां ददाति करकन्वारिबीजसमन्वितान्। स याति पुरुषो वीर लोकं वै हेममालिनः।।
इत्येषा कथिता वीर तृतीया तिथिरुत्तमा। यामुपोष्य नरो राजन्नृद्धिं वृद्धिं श्रियं भजेत्।।
🙏🏻 वैशाख मास की तृतीया को चन्दनमिश्रित जल तथा मोदक के दान से ब्रह्मा तथा सभी देवता प्रसन्न होते हैं |
देवताओं ने वैशाख मास की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा है | इस दिन अन्न-वस्त्र-भोजन-सुवर्ण और जल आदि का दान करनेसे अक्षय फल की प्राप्ति होती है | इसी तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह अक्षय हो जाता है और दान देनेवाले सूर्यलोक को प्राप्त करता है | इस तिथि को जो उपवास करता है वह ऋद्धि-वृद्धि और श्री से सम्पन्न हो जाता है |
🙏🏻 स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है। 
🙏🏻 भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है
वैशाखे शुक्लपक्षे तु तृतीयायां तथैव च ।
गंगातोये नरः स्नात्वा मुच्यते सर्वकिल्बिषैः ।।
🙏🏻 वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता हैं | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पुरसे युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता हैं | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |
🌷 अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।
 तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।
 उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।
 तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न
➡ *अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथिपर किए गए दान व हवनका क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथिपर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती है। *

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 15 November 2024
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व माना गया है और इस दिन गंगा स्नान करने का विधान होता है. स्नान के बाद दान करना बहुत ही फलदायी माना…
 15 November 2024
देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता धरती पर आकर गंगा घाट पर दिवाली…
 15 November 2024
वारः शुक्रवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि: पूर्णिमा तिथि रहेगी.चंद्र राशि: मेष राशि रहेगी.चंद्र नक्षत्र : भरणी नक्षत्र रात्रि 9:54 मिनट तक तत्पश्चात कृतिका नक्षत्र रहेगा.योगः व्यातिपात योग रहेगा.अभिजित मुहूर्तः दोपहर 11:40 से 12:25दुष्टमुहूर्त: कोई नहीं.सूर्योदयः प्रातः…
 14 November 2024
बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार 14 नवंबर 2024 को है. यह दिन विशेष रूप…
 14 November 2024
14 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और गुरुवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि आज सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि लग…
 13 November 2024
वारः बुधवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि: द्वादशी दोपहर 1 बजकर 01 मिनट तक तत्पश्चात त्रियोदशी रहेगी.चंद्र राशिः मीन राशि रहेगी .चंद्र नक्षत्रः रेवती नक्षत्र रहेगा.योगः…
 12 November 2024
वारः मंगलवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/ पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि : एकादशी शाम 4 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. तत्पश्चात द्वादशी रहेगी.चंद्र राशि: मीन रहेगी.चंद्र नक्षत्र : पूर्वा…
 11 November 2024
वारः सोमवारविक्रम संवतः 2081शक संवतः 1946माह/पक्ष: कार्तिक मास – शुक्ल पक्षतिथि: दशमी शाम 6 बजकर 46 मिनट तक तत्पश्चात एकादशी रहेगी.चंद्र राशि : कुंभ राशि रहेगी .चंद्र नक्षत्र : शतभिषा सुबह 9 बजकर 39 मिनट तक तत्पश्चात…
 10 November 2024
वारः रविवार, विक्रम संवतः 2081,शक संवतः 1946, माह/पक्ष : कार्तिक मास – शुक्ल पक्ष, तिथि : नवमी तिथि रात 9 बजकर 01 मिनट तक तत्पश्चात दशमी तिथि रहेगी. चंद्र राशि…
Advertisement