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14 मार्च 2024

Updated on 14-03-2024 08:34 AM
दिन - गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 11:25 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - भरणी शाम 04:56 तक तत्पश्चात कृतिका*
*⛅योग - वैधृति रात्रि 10:00 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:19 से 03:49 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:49*
*⛅सूर्यास्त - 06:48*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13से 06:01 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:12 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - षडशीति-मीन संक्रांति*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹षडशीति-मीन संक्रांति - 14 मार्च🌹*
*🔸(पुण्यकाल - दोपहर 12:46 से सूर्यास्त तक)*

*🔸संक्रान्ति का अर्थ है, 'सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)'। फाल्गुन महीने में सूर्य देव 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसे मीन संक्रांति कहा जाता है ।*
*षडशीतिमुखी संक्रांति : सूर्य का मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशि में गोचर ।*

*🔸षडशीति संक्रांति में किये गए जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल 86000 हजार गुना होता है । -पद्म पुराण*

*🔹सफेद शक्कर का काला अंतरंग (भाग-१)🔹*

*🔸रोज की शारीरिक क्रियाओं के लिए आवश्यक ४५ से ६५% शक्ति भोजन में से प्राकृतिक शर्करा (Carbohydrates) के द्वारा प्राप्त की जाती है । अनाज, फल, फलियाँ, कंदमूल, दूध आदि से इसकी आपूर्ति सहजता से होती है । प्राकृतिक शर्करा शारीरिक क्रियाओं के लिए ईंधन का कार्य करती है, अतः शरीर के लिए उपकारक है । परंतु परिष्कृत (Refined) शक्कर (चीनी) स्वयं को पचाने हेतु शारीरिक शक्ति व शरीर के आधारभूत तत्त्वों का अपव्यय करती है । शरीर के महत्त्वपूर्ण अंग हड्डी, हृदय, मस्तिष्क, अग्न्याशय, यकृत आदि की कार्यप्रणाली को अस्त-व्यस्त कर देती है । शरीर पर इसका परिणाम धीरे-धीरे असर करनेवाले विष के समान होता है ।*

*🔹शक्कर व अस्थिरोग🔹*

*🔸शक्कर को पचाने के लिए आवश्यक कैल्शियम हड्डियों व दाँतों में से लिया जाता है । कैल्शियम व फॉस्फोरस का संतुलन जो सामान्यतया ५:२ होता है, वह बिगड़कर हड्डियों में सच्छिद्रता (Osteoporosis) आती है । इससे हड्डियाँ दुर्बल होकर जोड़ों का दर्द, कमरदर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस, दंतविकार, साधारण चोट लगने पर फ्रैक्चर, बालों का झड़ना आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ।*

*🔸शक्कर व मधुमेह🔸*

*🔸शक्कर रक्तगत शर्करा (Blood sugar) को अतिशीघ्रता से बढ़ाती है । इसे सात्म्य करने के लिए अग्न्याशय की कोशिकाएँ इन्सुलिन छोड़ती हैं । इन्सुलिन की सतत बढ़ती हुई माँग की पूर्ति करने से ये कोशिकाएँ निढाल हो जाती हैं । इससे इन्सुलिन का निर्माण कम होकर मधुमेह (डायबिटीज) होता है ।*

*🔹शक्कर व हृदयरोग🔹*

*🔸शक्कर लाभदायी कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाती है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) तथा ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाती है । इससे रक्तवाहिनियों की दीवारें मोटी होकर उच्च रक्तचाप तथा हृदयरोग (coronary artery disease and myocardial infarction) उत्पन्न होता है । लंदन के प्रो. जॉन युडकीन कहते हैं: "हृदयरोग के लिए चीनी भी चर्बी जितनी ही जिम्मेदार है ।"*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।* 
  
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*


*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।* 

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*


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