*⛅नक्षत्र - अनुराधा सुबह 08:13 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - वज्र दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल - शाम 03:49 से 05:18 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:50*
*⛅सूर्यास्त - 06:48*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:02 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:13 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - मारवाड़ी सप्तमी*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🌹बुधवारी अष्टमी : 15 मार्च 2023*
*(पुण्यकाल : 15 मार्च सूर्योदय से शाम 06:45 तक ।)*
*🌹षडशीति संक्रांति : 15 मार्च 2023*
*(पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:49 तक)*
🌹 *व्यतिपात योग* 🌹
*🌹 व्यतिपात योग 15 मार्च दोपहर 12:53 से 16 मार्च सुबह 10:07 तक ।*
*🔹ग्रहबाधा दूर करने का उपाय🔹*
👉🏻 *शनि, राहू-केतु आदि ग्रहों के दोष-निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को अपने हाथ से आटे की लोई गुड़सहित प्रेमपूर्वक किसी नंदी अथवा गाय को खिलायें । कैसी भी ग्रहबाधा हो, दूर हो जायेगी ।*
*🔸तुतलापन मिटाने के लिए🔸*
*🔹२-३ बादाम के गिरी मिक्सी में अच्छी तरह घोट के और मक्खन व मिश्री मिलाकर बराबर चबा चबा कर खाएं l १ हफ्ते में तोतलेपन में आराम होता है l*
*🔹गृहके समीपस्थ वृक्ष (भाग -2)🔹*
*👉🏻 ईशान में आँवला शुभदायक है ।*
*👉🏻 ईशान - पूर्वमें कटहल एवं आम शुभदायक हैं ।*
*👉🏻 (३) घरके पास काँटेवाले, दूधवाले तथा फलवाले वृक्ष स्त्री और सन्तान की हानि करनेवाले हैं । यदि इन्हें काटा न जा सके तो इनके पास शुभ वृक्ष लगा दें ।*
*👉🏻 काँटेवाले वृक्ष शत्रु से भय देनेवाले, दूधवाले वृक्ष धनका नाश करनेवाले और फलवाले वृक्ष सन्तानका नाश करनेवाले हैं । इनकी लकड़ी भी घरमें नहीं लगानी चाहिये-*
*आसन्नाः कण्टकिनो रिपुभयदाः क्षीरिणोऽर्थनाशाय ।*
*फलिनः प्रजाक्षयकरा दारूण्यपि वर्जयेदेषाम् ॥*
*(बृहत्संहिता ५३। ८६)*
*(४) बदरी कदली चैव दाडिमी बीजपूरिका।*
*प्ररोहन्ति गृहे यत्र तद्गृहं न प्ररोहति ॥*
*👉🏻 (समरांगणसूत्रधार ३८ । १३१) 'बेर, केला, अनार तथा नींबू जिस घरमें उगते हैं, उस घर की वृद्धि नहीं होती । '*
*👉🏻 अश्वत्थं च कदम्बं च कदलीबीजपूरकम् । गृहे यस्य प्ररोहन्ति स गृही न प्ररोहति ॥*
*👉🏻 (बृहद्दैवज्ञ० ८७ ९) 'पीपल, कदम्ब, केला, बीजू नींबू ये जिस घरमें होते हैं, उसमें रहनेवाले की वंशवृद्धि नहीं होती ।'*
*👉🏻 (५) घरके भीतर लगायी हुई तुलसी मनुष्योंके लिये कल्याणकारिणी, धन-पुत्र प्रदान करनेवाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देनेवाली होती है । प्रातःकाल तुलसीका दर्शन करनेसे सुवर्ण दानका फल प्राप्त होता है ।*