दिन-सोमवार, विक्रम संवत - 2078, आनन्द, शक सम्वत - 1943, प्लव पूर्णिमांत - ज्येष्ठ अमांत - बैशाख
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि दिन है. सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे और चन्द्रमा कर्क राशि में संचरण करेंगे I
सूर्योदय-सूर्यास्त, चंद्रोदय- चंद्रास्त
सूर्योदय- सुबह 5 बजकर 7 मिनट
सूर्यास्त- शाम 6 बजकर 49 मिनट
चंद्रोदय- सुबह 8 बजकर 11 मिनट
चंद्रास्त- रात 10 बजकर 11 मिनट पर
आज का राहुकाल
दिल्ली - सुबह 07:08 से सुबह 08:52 तक
मुंबई - सुबह 07:41 से सुबह 09:20 तक
चंडीगढ़ - सुबह 07:05 से सुबह 08:51 तक
लखनऊ - सुबह 06:56 से सुबह 08:40 तक
भोपाल - सुबह 07:16 से सुबह 08:57 तक
कोलकाता - सुबह 06:33 से सुबह 08:15 तक
अहमदाबाद - सुबह 07:35 से सुबह 09:17 तक
चेन्नई - सुबह 07:19 से सुबह 08:56 तक
आज का शुभ मुहूर्त -
चतुर्थी तिथि - रात 10 बजकर 34 मिनट तक
रवि योग - सुबह 5 बजकर 11 मिनट से रात 8 बजकर 37 मिनट तक
पुष्य नक्षत्र - रात 8 बजकर 37 मिनट तक
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 12:00 PM – 12:53 PM
अमृत काल - 01:47 PM – 03:29 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:08 AM – 04:56 AM
योग
ध्रुव - जून 13 09:30 AM – जून 14 09:27 AM
व्याघात - जून 14 09:27 AM – जून 15 09:00 AM
सर्वार्थसिद्धि योग - जून 14 05:44 AM - जून 14 08:36 PM (पुष्य और सोमवार)
व्रत और त्योहार - अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और यह हर महीने पड़ती है। इस बार वैनायकी चतुर्थी 14 जून को है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति मनचाही सफलता पा सकता है और उसे जीवन में चल रही हर तरह की परेशानियों से छुटकारा भी पा सकता है।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और सोमवार का दिन है। चतुर्थी तिथि रात 10 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उसके बाद पंचमी तिथि लग जायेगी। वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत किया जायेगा। आप जानते ही होंगे कि एक महीने में दो चतुर्थी आती हैं, जिनमें से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी कहते हैं।
इस अवसर पर कई तांत्रिक पूजाएं की जाती हैं।आज पुष्य नक्षत्र है। आज भगवान शिव की उपासना के साथ दुर्गा माता की पूजा भी करें। आज दान पुण्य करें। आज चावल के दान का बहुत महत्व है। आज किसी मंदिर में हनुमान जी की पूजा करें व सुंदरकांड का पाठ करें। आज चन्द्रमा अपनी राशि कर्क में है। आज दुर्गासप्तशती के पाठ करने का अनन्त पुण्य है। आज सोमवार है।
प्रातःकाल पञ्चाङ्ग का दर्शन ,अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए।