*⛅व्रत पर्व विवरण - स्वामी विवेकानंद जयंती (ति.अ), स्वामी रामानंदाचार्य जयंती, धनुर्मास समाप्त*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹 सूर्योपासना का पावन पुण्यदायी पर्व – मकर संक्रांति – 15 जनवरी 2023*
*🌹 संक्रांति का स्नान रोग, पाप और निर्धनता को हर लेता है । जो उत्तरायण पर्व के दिन स्नान नहीं कर पाता वह ७ जन्म तक रोगी और दरिद्र रहता है ऐसा शास्त्रों में कहा गया है ।*
*🌹 संक्रांति के दिन देवों को दिया गया हव्य (यज्ञ, हवन आदि में दी जानेवाली आहुति के द्रव्य ) और पितरों को दिया गया द्रव्य (पिंडदान आदि में दिया जानेवाला द्रव्य ) सूर्यदेव की करुणा-कृपा के द्वारा भविष्य के जन्मों में कई गुना करके तुम्हें लौटाया जाता है ।*
*🌹 संक्रांति के दिन किये हुए शुभ कर्म करोड़ों गुना फलदायी होते हैं । सुर्यापासना और सूर्यकिरणों का सेवन, सूर्यदेव का ध्यान विशेष लाभकारी है ।*
*🌹 इस दिन तो सूर्यदेव के मूलमंत्र का जप करना बहुत हितकारी रहेगा, और दिन भी करें तो अच्छा है । आप जीभ तालू में लगाकर इसे पक्का करिये । अश्रद्धालु, नास्तिक व विधर्मी को यह मंत्र नहीं फलता । यह तो भारतीय संस्कृति के सपूतों के लिए है । बच्चों की बुद्धि बढ़ानी हो तो पहले इस मंत्र की महत्ता बताओ, उनकी ललक जगाओ, बाद में उनको मंत्र बताओ ।*
*🌹 यह सूर्यदेव का मूलमंत्र है । इससे तुम्हारा सुर्यकेन्द्र सक्रिय होगा और यदि भगवान् सूर्य का भ्रूमध्य में ध्यान करोगे तो तुम्हारी बुद्धि के अधिष्ठाता देव की कृपा विशेष आयेगी । बुद्धि में ब्रह्मसुख, ब्रह्मज्ञान का सामर्थ्य आयेगा । अगर नाभि में सूर्यदेव का ध्यान करोगे तो आरोग्य-केंद्र सक्षम रहेगा, आप बिना दवाइयों के निरोग रहोगे ।*
*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*
*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*