जेनेवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयुएचओ) ने कोरोना संक्रमितों का पता लगाने वाली एक ऐसी किट को स्वीकृत किया है जिससे कुछ ही मिनटों में इसका पता लगाया जा सकेगा। इसकी कीमत पांच डॉलर है। भारतीय रुपए में यदि इसकी कीमत की बात करें तो ये 400 रुपये से भी कम है। यह जानकारी खुद डब्लयुएचओ के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसी करीब 12 करोड़ टेस्ट किट आने वाले छह माह के अंदर तैयार की जाएंगी। इन टेस्ट किट को साझीदार संगठनों के साथ मिलकर तैयार किया जाएगा।
इन किट को 133 देशों में उपलब्ध करवाया जाएगा। डब्लयुएचओ का कहना है कि इस किट से निम्न व मध्य आय वाले देशों में टेस्ट का दायरा बढ़ाने में सफलता मिलेगी। रॉयटर्स के मुताबिक अब तक कोविड-19 के 33,264,096 मामले सामने आ चुके हैं और 1,000,010 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं 23,142,099 मरीज ठीक भी हुए हैं। डब्लयुएचओ का कहना है कि इस किट के जरिए कोविड-19 के विश्वसनीय नतीजे कम कीमत में कुछ घंटों की बजाए 15 से 30 मिनट में हासिल किये जा सकेंगे। कई देशों में टेस्ट किट की कीमतों के ऊंचा होने की वजह से टेस्ट कम हो रहे हैं वहीं जो हो भी रहे हैं उनका नतीजा आने में अब भी काफी समय लग रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उम्मीद जताई है कि इस नई किट से टेस्ट का दायरा बढ़ेगा। खासतौर पर उन दुर्गम स्थानों में जहां लैब सुविधाएं कम हैं या नहीं हैं या फिर आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिये प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की पहुंच नहीं है, वहां पर ये किट काफी कारगर साबित हो सकेगी।