*२] मंत्रजप और अनुष्ठान से बुद्धि विकसित होती है ।*
*३] भगवच्चिंतन करके ॐकार का गुंजन करके शांत होओगे तो बुद्धि बढ़ेगी ।*
*४] श्वासोच्छवास में भगवान् सूर्यनारायण का ध्यान करने से भी फायदा होगा ।*
*५] श्रद्धा, भक्ति और गुरुजनों के सत्संग से भी बुद्धि उन्नत होती है ।*
*७] भगवद-ध्यान से तो बुद्धि को बढ़ना ही है ।*
*८] स्मृतिशक्ति बढ़ानी है तो कानों में अँगूठे के पासवाली पहली उँगलियाँ डालकर लम्बा श्वास लो फिर होंठ बंद रख के कंठ से ‘ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ... ’ ऐसा उच्चारण करो । इस प्रकार १० बार करो । इस भ्रामरी प्राणायाम से स्मृति बढ़ेगी, बुद्धू विद्यार्थी भी अच्छे अंक लायेंगे ।*
*🌹 पंचमहाभूतों के तन्मात्रों की रचना 🌹*
*🌹 पंचमहाभूतों के सात्त्विक तन्मात्र से मन और ज्ञानेन्द्रियाँ बनती हैं, राजस तन्मात्र से कर्मेन्द्रियाँ और प्राण बनते हैं तथा तामस तन्मात्र से विषय और बाह्य पदार्थ बनते हैं ।*
*🌹 मन चार प्रसिद्ध हैं : मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार । इसीको अंत:करण-चतुष्टय कहते हैं ।*
*🌹 ज्ञानेन्द्रियाँ पाँच है : श्रोत (कान), त्वक (त्वचा), चक्षु (नेत्र), रसना (जिव्हा) और घ्राण (नासिका) ।*
*🌹 कर्मेन्द्रियाँ पाँच है : वाक्, पाणि (हाथ), पाद (पैर), उपस्थ (जननेंद्रिय) और पायु (गुदा) ।*
*🌹 प्राण दस है : इनमें पाँच मुख्य प्राण है – प्राण, अपान, समान, उदान और व्यान ।*
*🌹 पाँच उपप्राण हैं - नाग, कूर्म, कृकल, देवदत्त और धनंजय ।