*⛅नक्षत्र - मूल दोपहर 11:59 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*⛅योग - परिघ दोपहर 03:20 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:41 से 02:15 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:22*
*⛅सूर्यास्त - 06:59*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:03 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸नींबू रस से स्वास्थ्य लाभ🔸*
*🔹शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I*
*🔹नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I*
*🔹विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I*
*🔹कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I*
*🔹गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I*
*🔹सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*
*🔸विद्यार्थियों के उत्तम स्वास्थ्य तथा बुद्धि, एकाग्रता व स्मरणशक्ति बढ़ाने हेतु*
*🔸१] अकेले में मानसिक कल्पनाओं से पागलपन का अंश आ गया अथवा आलस्य है, चिडचिडा स्वभाव है – यह सब दिमाग की कमजोरी है । ऐसे लोगों को क्या करना चाहिए ? हाथों के अँगूठे के पासवाली पहली ऊँगली का अग्रभाग अँगूठे के अग्रभाग के नीचे स्पर्श कराओ और शेष तीन उंगलियाँ सीधी रखों । ऐसे ज्ञान मुद्रा करो और शवासन में सीधे लेट जाओ । दाँतों से जीभ को थोडा-सा बाहर निकालकर रखें । तो बड़े-बड़े इंजेक्शनो से और दिमाग के स्पेशलिस्टों से उतना लाभ नहीं होगा जितना इस प्रकार ज्ञान मुद्रा करने से ही हो जायेगा । थोड़े पागलपन की शुरुआत हो तो वह नियंत्रित हो जायेगा । चिडचिडापन, आलस्य, क्रोध, स्मरणशक्ति की कमजोरी व चंचलता नियंत्रित हो जायेगी और एकाग्रता बढ़ेगी, स्नायुओं में शक्ति बढ़ेगी । इसके साथ मामरा बादाम मिश्रण की औषध खा लें तो कहना क्या !*
*🔸२] ॐकार का उच्चारण करें , भ्रूमध्य में ॐकार को, सद्गुरु को देखें । इससे बुद्धि विलक्षण ढंग से बढ़ती है ।*
*🔸३] १५-२० मि.ली. आँवला रस १ कप गुनगुने पानी में मिलाकर भोजन के मध्य में घूँट–घूँट भर के २१ दिन पियें । मस्तिष्क और ह्रदय बलवान हो जायेंगे । ह्रदयाघात का भय सदा के लिए चला जायेगा ।*
*४] ७ ग्राम जौ रात को भिगो दो और सुबह सोंठ का जरा-सा चूर्ण मिला के चबा-चबा के खाओ । ऊपर से थोडा पानी पी लो । बुद्धि बढ़ेगी ।*
*🔸५] नीम के पत्ते अथवा नीम की २ निबौली कूट के उनका गुदा मक्खन में डाल के निगल लेना । इससे शरीर ह्रष्ट-पुष्ट होगा ।*
*🔸६] बच्चों को कफ हो तो १ से १० बूँद अदरक का रस और आधा चम्मच शहद मिला के चटा दें । बच्चे बढ़िया रहेंगे ।*