⛅ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 06:46 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅ योग - ब्रह्म दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहुकाल - सुबह 09:32 से सुबह 11:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 18:55
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
💥 विशेष - चतुर्दशी और अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
आज चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तिथि है
👉 11- 12 अप्रैल यानि रविवार और सोमवार को अमावस्या तिथि रहेगी।
👉 रविवार के दिन अमावस्या को पितृ कार्य ( पिंड, तर्पण), दान आदि कार्य होंगे, क्योंकि मध्याह्न में अमावस्या तिथि रहेगी।
👉 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या है। इस दिन देव कार्य सोमेश्वर दर्शन, तीर्थ स्नान, दान आदि किए जाएंगे, क्योंकि इस दिन मध्याह्न काल में अमावस्या तिथि नहीं रहेगी।
👉 ब्रह्मा जी ने वर्तमान सृष्टि का आरम्भ गुड़ी पड़वा के दिन किया था।
👉 गुड़ी पड़वा को ब्रह्मा जी ने प्रवरा ( सर्वोत्तम) तिथि सूचित किया था।
👉 इसीलिए गुड़ी पड़वा के दिन धार्मिक, सामाजिक, व्यावहारिक और राजनीतिक आदि अधिक महत्त्व के अनेक काम आरम्भ किए जाते हैं।
👉 गुड़ी पड़वा के दिन संवत्सर का पूजन, पञ्चाङ्ग का पूजन, पञ्चाङ्ग दान, पञ्चाङ्ग वाचन किया जाता है।
👉 13 अप्रैल मंगलवार से नव संवत्सर 2078 प्रारम्भ होगा।
सोमवती अमावस्या पर विशेष मंत्र
जिनको पैसो की कमजोरी है वह तुलसी माता की १०८ प्रदिक्षणा करें | और श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... ‘श्री’ माना सम्पदा, ‘हरि’ माना भगवान की दया पाना | तो गरीबी चली जायेगी |
विशेष ~ 12 अप्रैल 2021 सोमवार को सूर्योदय से सुबह 08:01 तक) सोमवती अमावस्या है ।
नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
➡ 11 अप्रैल, रविवार को प्रातः 06:04 से 12 अप्रैल, सोमवार को सुबह 08:01 तक अमावस्या है ।
घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।
अमावस्या
अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है (विष्णु पुराण)
धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए
🔥 हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
🍛 सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
🔥 विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।