*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹शक्ति का भंडार : गाजर खाने के अद्भुत लाभ :🌹
*🔹गाजर के गुणों पर दृष्टि डालें तो पता चलता है कि यह प्रकृतिप्रदत्त एक अनमोल उपहार है I गाजर में शरीर को स्वस्थ रखनेवाले तत्व पाए जाते हैं I*
*🔹यह शारीरिक एवं बौद्धिक विकास में लाभकारी है I इससे नेत्रज्योति व स्मरणशक्ति में भी वृद्धि होती है I इसमें लौह व गंधक (सल्फर) होने से रक्त की वृद्धि व शुद्धि में मदद मिलती है I प्राकृतिक चिकित्साचार्यों ने इसे गरीबों का सेब कहकर नवाजा है I*
*🌹 गाजर-रस के लाभकारी प्रयोग 🌹*
*🔹आरोग्यशक्तिवर्धक गाजर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स होता है, जो पाचन संस्थान को शक्तिशाली बनाता है व पेट के अनेक रोगों में लाभकारी है I*
*🔹यह भोजन पचाने में मदद करता है तथा मल साफ़ लाता है I लम्बी बीमारी के बाद उसकी क्षतिपूर्ति करने में गाजर का रस बहुत ही प्रभावकारी है I यह रोगी को चुस्त, तरोताजा और शक्तिशाली बनाता है I*
*🔹मस्तिष्क-शक्तिवर्धक : इससे मस्तिष्क को शक्ति मिलती है व थकान दूर होती है I यह अनिद्रा रोग में लाभकारी है I*
*🔹माताओं के लिए : माताओं को सगर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से शरीर में लौह तथा कैल्शियम की कमी नहीं रहती I दुग्धपान कराने वाली माताओं को भी रोज सुबह गाजर का रस पीना चाहिए I इससे उनके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है I*
*🔹दाँतो की मजबूती : ७ मि.ली. गाजर का रस प्रतिदिन पीने से मसूड़ों व दाँतो की जड़ें मजबूत बनती हैं और दाँतों के रोग पैदा नहीं होते I*
*🔹नेत्रज्योति की वृद्धि : १२५ -१२५ मि.ली. पालक और गाजर का रस मिलाकर सेवन करते रहने से दृष्टि की कमजोरी दूर हो जाती है I*
*🔹लाल रक्तकण बढ़ाने हेतु : २५० मि.ली. गाजर के रस में पालक का रस मिलाकर पियें I*
*🔹बच्चों की दुर्बलता दूर करने हेतु : २-३ चम्मच गाजर का रस दुर्बल बच्चों को प्रतिदिन ३ बार पिलाने से बच्चे हृष्ट-पुष्ट हो जाते हैं I*
*🔹दुग्धपान करते बच्चों के लिए : बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दाँत सरलता से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पचता है I*
*🌹 गाजर रस के औषधीय प्रयोग 🌹*
*🔹कैंसर : गाजर में पाया जाने वाला केरोटिन नामक औषधीय तत्व कैंसर-नियंत्रण में उपयोगी है I ल्युकेमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह लाभप्रद है I*
*🔹चर्मरोग : गाजर का रस कीटाणुनाशक है व संक्रमण को दूर करता है I इससे रक्त शुद्ध होकर खुजली, फोड़े-फुन्सीयों व कील-मुँहासों में लाभ होता है I रोगी के पीले चेहरे का रंग गुलाबी हो जाता है I*
*🔹कब्ज : २५० मि.ली. गाजर के रस में ५० मि.ली. पालक का रस और थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पियें I नमक न मिलायें I*
*🔹मात्रा : एक बार में एक गिलास (२५० मि.ली.) से अधिक रस न पियें I*
*🔸सावधानी : 🔸*
*🔹(१) गाजर खाने के बाद तुरंत पानी न पियें I*
*🔹(२) गाजर के बीच का पीला भाग निकालकर ही गाजर का उपयोग करना चाहिए I*
*🔸कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु🔸*
*🔸जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*🔹बाल कटवाने का सही तरीका🔹*
*🌹 सोमवार को अगर क्षौर कर्म कराते हैं तो शिवभक्त की भक्ति की हानि होती है लेकिन शिवभक्त नहीं हैं तो सोमवार को मुंडन, बाल कटाने से कोई हानि नहीं है । पुत्रवान को भी इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए ।*