*मास - मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - कार्तिक)
पक्ष - कृष्ण
तिथि - नवमी शाम 03:17 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी दोपहर 12:33 तक तत्पश्चात हस्त
योग - आयुष्मान् रात्रि 10:40 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:53 तक
सूर्योदय - 07:06
सूर्यास्त - 17:56
दिशाशूल - उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कलह-क्लेश, रोग व दुर्बलता मिटाने का उपाय
जिसको घर में कलह-क्लेश मिटाना हो, रोग या शारीरिक दुर्बलता मिटाना हो वह इस चौपाई की पुनरावृत्ति किया करे I
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन-कुमार I
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार II
मुँह से बदबू
नमक और काली मिर्च मिलाके कभी– कभी मंजन करे तो मुँह की बदबू चली जायेगी |
पुण्यदायी तिथियाँ
25 दिसम्बर : श्रीमदभगवदगीता जयंती, मोक्षदा एकादशी ( पापहारी तथा कामनापूरक व्रत | इसके पुण्यदान से नीच योनि में पड़े पितरों को सदगति – प्राप्ति | माहात्म्य पढने-सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल |), तुलसी पूजन दिवस ( इस अवसर पर तुलसी का पूजन, परिक्रमा आदि करें तथा उसके समीप जप, पाठ, कीर्तन, सत्संग-श्रवण करके भगवद-विश्रांति पाये | विस्तृत जानकारी हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित पुस्तक ‘तुलसी रहस्य’ |)
31 दिसम्बर : गुरुपुष्यामृत योग ( रात्रि 07:49 से 1 जनवरी 2021 सूर्योदय तक ) I
6 जनवरी : बुधवारी अष्टमी ( सूर्योदय से रात्रि 02:07 तक ) I
9 जनवरी : सफल एकादशी (सर्व कार्य सफल करनेवाला एवं सुख, भोग व मोक्ष प्रदायक व्रत )I
14 जनवरी : मकर संक्रांति ( पुण्यकाल : सुबह 08:16 से शाम 04:16 तक )I
20 जनवरी : बुधवारी अष्टमी ( दोपहर 01:16 से 21 जनवरी सूर्योदय तक )I
24 जनवरी : पुत्रदा एकादशी ( पुत्र की इच्छा से इसका व्रत करनेवाला पुत्र पाकर स्वर्ग का अधिकारी भी हो जाता है) I