⛅ नक्षत्र - शतभिषा 09 अप्रैल प्रातः 04:58 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - शुभ दोपहर 01:52 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:14 से शाम 03:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 18:53
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
विशेष - द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
घमौरियों हों तो
नीम के १० ग्राम फूल व थोड़ी मिश्री पीसकर पानी में मिला के खाली पेट पी लें | इससे घमौरियाँ शीघ्र गायब हो जायेंगी |
नारियल तेल में नींबू-रस मिलाकर लगाने से घमौरियाँ गायब हो जाती हैं |
मुलतानी मिट्टी लगा के कुछ मिनट बाद स्नान करने से गर्मी और घमौरियों का शमन होता है |
प्रदोष व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 09 अप्रैल, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
ऐसे करें व्रत व पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
ये उपाय करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।