⛅ *मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - नवमी शाम 04:47 तक तत्पश्चात दशमी*
⛅ *नक्षत्र - मूल रात्रि 08:59 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
⛅ *योग - सिद्धि शाम 03:52 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
⛅ *राहुकाल - शाम 05:16 से शाम 06:45 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:55*
⛅ *सूर्यास्त - 18:44*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - समर्थ रामदासजी नवमी*
💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ 07 मार्च 2021 रविवार को शाम 03:53 से 08 मार्च, सोमवार को दोपहर 01:51 तक तक व्यतीपात योग है।*
🙏🏻 *कथा स्रोत - बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)*
🌷 *शनि की पनौती हो तो* 🌷
➡ *कोई आप को बोले की शनि की पनौती है तो हनुमान चालीसा पढ़ो और गुरु मंत्र का जप अच्छी तरह से करो शनि देवता गुरु भक्त है..शिवजी के शिष्य हैं ..वे किसी गुरु भक्त पर क्यों नाराज होंगे ।